बलरामपुर।बलरामपुर जिले राजपुर नगर पंचायत बस स्टैंड व यात्री प्रतिक्षालय में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो रहा है. यात्री प्रतिक्षालय यात्रियों को ठहरने के लिए नगर पंचायत से बनाया गया था. मगर यात्री प्रतिक्षालय में अधिकांश रात्रि कालीन में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हो रहा है. बस स्टैंड में चारो साईड गंदगी का आलम पसरा हुआ पड़ा है. यात्रियों को ठहरने में परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है.नगर पंचायत में मरे हुए दिव्यांग चला रहे हैं दुकान, आदिवासी और दिव्यांग की दुकानों पर दबंगों का कब्जा हैं।


बस स्टैंड में यात्रियों को पानी पीने के लिए वाटर एटीएम करीब 9 लाख 50 हजार रुपए की लागत से लगाया तो गया है. मगर चारो साइड से गुमटी लगाकर घेर दिया गया है. यात्रियों को 10 से 20 रुपए लीटर पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है.सड़क किनारे गुमटी लगने से वाहन चालकों व यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस स्टैंड में प्रतिदिन करीब दो सौ वाहनो का आना जाना होता है. बस के इतंजार में महिलाएं, पुरुष व बच्चो का रुकना यात्री प्रतिक्षालय में होता है. मगर यात्री प्रतिक्षालय में चारों साईड गंदगी, सामने गुमटी व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्री प्रतीक्षालय के बगल में शुलभ शौचालय बना हुआ है. जहां गंदगी व बदबू का अंबार पड़ा हुआ है. बस स्टैंड में यात्रियों को शुलभ शौचालय का लाभ नही मिल पा रहा है.यात्रियों को पानी पीने के लिए वाटर एटीएम तो लगाया गया है मगर चारो साइड गुमटी लगाकर घेर दिया गया है. नगर पंचायत से जिनको दुकाने आबंटन हुआ है. दूसरे को किराए पे लगा दिए है. सड़क किनारे अव्यवस्था से दुकाने संचालित हो रही है. इस पे नगर पंचायत के द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नही दिया जा रहा है.


बस स्टैंड में साम होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हो रहा है
बस स्टैंड में साम होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हो रहा है. कई लोगों का बाहर से आना-जाना हो रहा है. गांजा, शराब की बोतले फेंकी जा रही है. जिसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


नगर पंचायत में मरे हुए दिव्यांग चला रहे हैं दुकान, आदिवासी और दिव्यांग की दुकानों पर दबंगों का कब्जा

नगर पंचायत के बस स्टैंड में दिव्यांग, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्गों के लिए नगर पंचायत के द्वारा कम दर पर दुकानें बना का आबंटन की गई थी. मगर नगर पंचायत के दुकानों में एक भी दिव्यांग व गरीब तबके आदिवासी लोगो का दुकान संचालित नही है.फर्जी तरीके से दिव्यांग, गरीबो के नाम दुकानो पर दबंगो के द्वारा आबंटन कराकर दूसरे को 5 से 7 हजार रुपए प्रतिमाह के दर पर दे दिया गया है.नगर पंचायत को सब मालूम होते हुए भी चुप्पी साधे तमाशा देख रही है. वही नगर पंचायत में मरे हुए दिव्यांग के नाम पर दुकान संचालित हैं उस दुकान पर दबंगो का कब्जा है।

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