बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर सहित आसपास के देवी मंदिरों में एकम से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।मां महामाया मंदिर में 71 तेल  व 128 घृत मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित किए गए थे। नवमी के दिन कन्या भोज हवन पूर्णाहुति के बाद समापन किया गया।


राजपुर में 17 वीं शताब्दी की मां महामाया मंदिर सहित मंदिर प्रांगण में स्थित काल भैरव मंदिर, मां शीतला मंदिर, मां संतोषी मंदिर, हनुमान मंदिर, गायत्री मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, शिव मंदिर, शनिदेव मंदिर में एकम ही भक्तों का तांता लग रहा। राजपुर महुआपारा निवासी श्रद्धालु  जोगीराम अग्रवाल के पुत्र महेंद्र अग्रवाल, विनोद अग्रवाल मघु व प्रवीण अग्रवाल के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंदिर में फूल- माला व लाइटिंग की व्यवस्था कराई थी। प्रत्येक दिन मंदिर प्रांगण में भंडारे की व्यवस्था किया गया था।। एकम से अखण्ड रामायण पाठ राजकुमार सोनी व मनोज गुप्ता के द्वारा किया गया। शाम- सुबह महिलाएं- पुरुष आरती में पहुंच रहे हैं। प्रत्येक रात्रि में आसपास के लोगो के द्वारा भजन- कीर्तन, रंगा- रंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। मंदिर के पुजारी प्रेम पांडेय, राघवेंद्र पांडेय के द्वारा भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना संपन्न कराया गया। वही समिति के अध्यक्ष मनोज बंसल सक्रिय से लगे हुए थे। चैत्र नवरात्रि को देखते हुए थाना अखिलेश सिंह ने देवी मंदिरो में पुलिस की ड्यूटी लगाई थी। वही कुसमी मार्ग बूढ़ाबगीचा में मां काली मंदिर में भी पुजारी गणेश भगत, ग्राम नवकी में बिराजी मां समलाई मंदिर में गांव के बैगा, ग्राम बाघिमा में मां चन्द्र घण्टा मंदिर में एकम से ही पुजारी के द्वारा पूजा अर्चना संपन्न कराया गया।

जोगीराम अग्रवाल के यहां भी भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना कर भंडारे का आयोजन

राजपुर महुआपारा निवासी जोगीराम अग्रवाल के यहां प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुजारी सूरजपुर के अनूप त्रिपाठी ( गोलू ) के द्वारा 9 दिनों तक देवी प्रतिमा स्थापित कर भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना संपन्न  कराकर नवमी के दिन भंडारे का आयोजन किया गया।इस दौरान नरेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, महेंद्र अग्रवाल, विनोद अग्रवाल (मघु), प्रवीण अग्रवाल मौजूद थे।

चैत्र नवरात्रि पर अशोक अग्रवाल ने किया भंडारे का आयोजन 
नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी व समाज सेवी अशोक अग्रवाल ने इस वर्ष भी चैत्र नवरात्रि पर्व पर श्रदालुओं के लिए पूरे 9 दिनों तक महामाया मंदिर प्रवेश द्वार के समीप स्टॉल लगाकर गन्ना रस व भंडारे का आयोजन किया है। श्रद्धालु पहुंचकर गन्ना रस व भंडारे का ग्रहण किए।

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