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वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से 65 बंगाली परिवार उत्तर प्रदेश आए थे। इन्हें रोजगार देकर मदन कपास मिल हस्तिनापुर मेरठ में पुनर्वास किया गया था। यह मिल आठ अगस्त 1984 को बंद हो गई थी। इसके चलते ह‍िंदू बंगाली परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था।


लखनऊ। प्रदेश सरकार वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से उत्तर प्रदेश आए 63 हि‍ंदू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने को 200 वर्ग मीटर जमीन कानपुर देहात में दी जाएगी। मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से 1.20 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।प्रदेश में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से 65 बंगाली परिवार उत्तर प्रदेश आए थे। इन्हें रोजगार देकर मदन कपास मिल हस्तिनापुर मेरठ में पुनर्वास किया गया था। यह मिल आठ अगस्त, 1984 को बंद हो गई थी। इसके चलते ह‍िंदू बंगाली परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। चूंकि दो परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में 63 परिवार पिछले 30 साल से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे।
सरकार ने इनके लिए कानपुर देहात में 121.41 हेक्टेयर भूमि पर पुनर्वास की योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस जमीन में भूमि सुधार व सि‍ंचाई सुविधा मनरेगा से विकसित कराई जाएगी, जिससे इन्हें अच्छी सुविधाएं मिल सकें। इन परिवारों को खेती व मकान बनाने के लिए जमीन एक रुपये लीज रेंट पर 30 वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाएगी। यह पट्टा अधिकतम दो बार 30-30 वर्ष यानी कुल 90 वर्ष के लिए नवीनीकरण हो सकेगा।

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