नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार को देवघर (Devghar) के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी देवघर को एम्स (AIIMS to Devghar), एयरपोर्ट (AIR Port) सहित 16,800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे। पीएम मोदी ने 25 मई 2018 को देवघर (Jharkhand AIIMS) में एम्‍स की नींव रखी थी। 

देवघर में नए एम्‍स की स्‍थापना के पीछे का उद्देश्य झारखंड के लोगों को सुपर स्‍पेशियलिटी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रदान करना है। इसके पहले साल 2014 तक देश में महज 7 एम्स थे लेकिन पिछले 8 सालों के दौरान देश में 16 नए एम्स बनाने की मंजूरी मिली। मालूम हो कि जहां पहले सभी राज्य सिर्फ दिल्ली पर एम्स में इलाज कराने के लिए निर्भर थे। इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने हर राज्य में एम्स खोलने की बात कही थी।

पीएम मोदी शासन के नौ एम्स, जो वर्ष 2022 में पूरा होने वाले हैं, में मंगलगिरी (आंध्र प्रदेश), गुवाहाटी (असम), राजकोट (गुजरात), बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), नागपुर ( महाराष्ट्र), बठिंडा (पंजाब), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) और पश्चिम बंगाल में कल्याणी।जम्मू में प्रमुख संस्थान विजयपुर को जनवरी 2023 तक और तेलंगाना में एम्स-बीबीनगर को नवंबर 2023 तक पूरा किया जाना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2017 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी। 750 बिस्तरों वाला यह अस्पताल करीब 1350 करोड़ की लागत से बनेगा।

प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2016 को पंजाब के बठिंडा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2020 को गुजरात को पहले एम्स की सौगात दी है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajkot AIIMS) की आधारशिला रखी थी।

आपको मालूम हो कि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) उच्च शिक्षा के सार्वजनिक चिकित्सा संस्थानों का एक समूह है। देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए अगर किसी अस्पताल का नाम लेना हो तो हम सबसे पहले AIIMS का नाम लेते हैं। देश के स्वास्थ्य सेवाओं में AIIMS महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए जब भी नयी सरकार आती है वो नए AIIMS बनाने का वादा कर ही देती है। मोदी सरकार भी इस घोषणा में आगे रही और जब सत्ता में आयी तो हर राज्य में एक AIIMS बनाने की घोषणा कर डाली। इन संस्थानों को इलाज और मेडिकल की पढाई दोनों के लिए सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। जहां पढाई के लिए भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या 3 लाख तक जाती है तो वहीं इलाज करवाने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में होती है। एम्स को संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्र का महत्वपूर्ण संस्थान घोषित किया गया है। 1956 में स्थापित, एम्स दिल्ली अग्रणी संस्था है।

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