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नई दिल्ली, एजेंसी। सरकारी कर्मचारियों के General Provident Fund की ब्याज दर का ऐलान हो गया है। उन्हें जनवरी से मार्च 2022 के बीच GPF खाते पर 7.1 फीसद ब्याज मिलेगा। सरकार ने जनवरी से मार्च तिमाही के लिए ब्याज दरों को पहले की तरह ही रखा है। इससे पहले दिसंबर तिमाही में भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था।फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कारोबारी साल 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए GPF और दूसरे फंडों की ब्याज दर 7.1 फीसद रहेगी। यह 1 जनवरी 2022 से प्रभावी है। GPF के अलावा यह दर दूसरे फंडों पर भी लागू है।
The General Provident Fund (Central Services)
The Contributory Provident Fund (India)
The All India Services Provident Fund
The State Railway Provident Fund
The General Provident Fund (Defence Services)
The Indian Ordnance Department Provident Fund
The Indian Ordnance Factories Workmen’s Provident Fund
The Indian Naval Dockyard Workmen’s Provident Fund
The Defence Services Officers Provident Fund
The Armed Forces Personnel Provident Fund
इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.5 प्रतिशत ब्याज को मंजूरी दी थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 5 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों को इससे फायदा हुआ है। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मार्च 2021 में कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर तय की थी। सीबीटी ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को सात साल में सबसे कम करते हुए 8.5 प्रतिशत कर दिया था। यह 2018-19 में 8.65 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रदान की गई ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी। 2012-13 में इसे घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था। ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी।