[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
छत्तीसगढ़।छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार की रात जन अदालत लगाकर नक्सलियों ने जिस युवक-युवती की हत्या की थी, वे दोनों हार्डकोर नक्सली थे। इस बात का खुलासा बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने किया है। बताया जा रहा है कि दोनों को माओवाद संगठन में रहते हुए प्रेम हुआ था। वे सरेंडर कर अपना घर बसाना चाहते थे। नक्सलियों को इसकी भनक लगी और उन्होंने मिलिशिया कमांडर कमलू पुनेम एवं मिलिशिया सदस्य मंगी पुनेम को मौत की सजा दे दी।बीजापुर जिले के गांगलूर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावि गांव पुसनार- इडिनार इलाके में माओवादियों ने जन अदालत लगाई थी। इस जन अदालत में सैकड़ों ग्रामीण भी मौजूद थे। दोनों नक्सलियों को सैकड़ों ग्रामीणों के बीच खड़ा किया था। ग्रामीणों से कहा था दोनों गद्दार हैं। पुलिस के सामने घुटने टेकने वाले थे। इन्हें सजा दी जा रही है। इसके बाद नक्सलियों ने दोनों को मौत की नींद सुला दिया।
पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था जब रात में नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था तो यह कहा जा रहा था कि ये दोनों ग्रामीण थे, जो पुलिस की मुखबिरी का काम कर रहे थे। जब पुलिस ने जांच की और फाइल खंगाली गई तो दोनों नक्सली निकले। इससे पहले यहां से 3 लोगों के मौत की खबर आई थी। मगर अब तक तीसरे शख्स के मौत की जानकारी सामने नहीं आई है। आईजी बोले- नक्सलियों के बीच चल रहा है गैंगवार बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादी कैंप में अविश्वास एवं असहनशीलता का माहौल बना हुआ है। विशेष तौर पर पश्चिम बस्तर डिवीजन में डिवीजन कमेटी सचिव पापाराव अपने कैडर को नियंत्रण में नहीं रख पा रहे हैं। इस कारण एक-दूसरे के ऊपर गैंगवार जैसा हमला कर आपस में ही मर रहे हैं। आईजी ने कहा कि नक्सल संगठन में क्या चल रहा है इस पर हमारी नजर है। नक्सलियों से अपील है कि इस तरह से मरने की बजाए वे सरेंडर कर लें और खुशहाल जिंदगी जिए।