अंबिकापुर: सरगुजा के जिला सत्र न्यायालय ने ग्राम साल्ही में जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित समाधान शिविर में हंगामा करने वाले छह लोगों की अग्रिम जमानत की अर्जी को ख़ारिज कर दिया है। इस आवेदन की सुनवाई एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (पंचम) के न्यायालय अंबिकापुर में सितंबर 21 को हुई।
गत दिनों ग्राम साल्ही में सरगुजा जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित समाधान शिविर में हंगामा करने वाले छह लोगों के खिलाफ उदयपुर के तहसीलदार और थाना प्रभारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गयी थी। थाना उदयपुर में सितम्बर 10 को दर्ज हुई एफआईआर क्रमांक 0142 के अनुसार ग्राम हरिहरपुर की आरोपी कंचन देवी तथा रातोबाई ग्राम साल्ही के जयसिंह कुसरो, आनंद कुसरो और बुधिमान कुसरो तथा ग्राम फत्तेपुर के मुनेश्वर आर्मो के खिलाफ गैर जमानती धारा 147,149, 341,186,188, 359, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसके अग्रिम जमानत के लिए उपरोक्त सभी आरोपियों ने जिला सत्र न्यायालय में सितंबर 20 को वकील पवन पांडे द्वारा आवेदन किया गया था।
सुनवाई के दौरान शासकीय वकील संतोष कुमार सिंह द्वारा न्यायाधीश माननीय ओ पी जायसवाल के सामने प्रशासन का पक्ष रखते हुए बताया कि प्रशासन की तरफ से तहसीलदार उदयपुर के द्वारा सितंबर 10 को ग्राम साल्हि में समाधान शिविर लगाया गया था। उपरोक्त लोगों द्वारा शिविर में हुडदंग करते हुए लाठी डंडा लेकर भय का माहौल बनाया गया साथ ही पोस्टर और बैनर को फाड़कर शासकीय कार्यों में बाधा पहुंचायी गयी। वहीं आरोपियों के अग्रिम जमानत देने का पक्ष रखते हुए विपक्ष के वकील पवन पांडे ने कहा कि, “शिविर का आयोजन राजस्थान की खदान को चालु कराने और पेड़ काटने के लिए किया गया था।”
तत्पश्चात जमानत के विरोध में तहसीलदार और थाना प्रभारी उदयपुर का पक्ष रखते हुए शासकीय वकील संतोष कुमार सिंह ने कहा कि, “यह शिविर लोगों के लाभ के लिए लगाया गया था। और यदि इन लोगों को जमानत दी जाती है तो भविष्य में शिविर आयोजित करने में भय का माहौल तो होगा ही साथ ही शासकीय कर्मचारी भी भय के वातावरण में रहेंगे। इससे शिविर के कार्यों में बाधा आएगी।”
दोनों पक्षों की दलील सुनने के पश्चात माननीय न्यायाधीश ओ पी जायसवाल द्वारा उपरोक्त सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया।