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सूरजपुर। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर एनएचएम भर्ती प्रक्रिया में जांच में 36 उम्मीदवारों का   अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारो से विभाग के ही कुछ कर्मचारियों ने अफसरों की शह पर दो से तीन लाख लिए और खुद फर्जी सर्टिफिकेट लगवाया है, इसका खुलासा जिन उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाया है उनसे बयान में हो सकता है। वहीं इस गिरोह में सरगुजा जिले में पदस्थ रह चुका एक लिपिक भी है जो सरगुजा जिले में एक भर्ती प्रक्रिया में हुए गड़बड़ी में भी शामिल था लेकिन उसमें उसके खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो वह अब सूरजपुर जिले में पोस्टेड है।


मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अफसरों ने बताया, 6 अक्टूबर को 78 पदों पर मौखिक साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को आवेदन सहित जिला चिकित्सालय में बुलाया गया था। जिसमें पद क्रमांक क्रमशः 1,2,3,व 4 नर्सिंग ऑफिसर (एनएचएम), नर्सिंग ऑफिसर (ईसीयू), द्वितीय एएनएम (एनएएम), एएनएम (आरबीएसके) भर्ती पदों हेतु फर्जी प्रमाण पत्र संलग्न कर आवेदन किया गया था। जिसमे जिला चयन समिति द्वारा आशंका व विद्यार्थियों के आवेदन पर आपत्ति जताई गई थी। जिसमें कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह के द्वारा जांच समिति का गठन किया गया, जिसमें फर्जी मितानिन व कार्य अनुभव प्रमाण पत्र का राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र छत्तीसगढ़ रायपुर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर छत्तीसगढ़ से सत्यापन कराया गया था। जो राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र के प्रतिवेदन के आधार पर मितानिन के 33 अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर के प्रतिवेदन में 3 कार्य अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई व छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल रायपुर से उनके नर्सिंग पंजीयन निरस्त करने के संबंध हेतु लेख किया गया है।

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