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नई दिल्ली। किराये में वृद्धि को लेकर यात्रियों के असंतोष को देखते हुए रेलवे ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए विशेष का टैग हटा दिया और तत्काल प्रभाव से महामारी से पहले का किराया बहाल कर दिया। कोरोना वायरस के कारण लागू लाकडाउन में ढील देने के बाद से रेलवे केवल विशेष ट्रेनों का ही संचालन कर रहा है। बता दें कि रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनें शुरू कीं और अब कम दूरी की यात्री सेवाएं भी विशेष ट्रेन के रूप में चलाई जा रही हैं। इनका किराया ज्यादा है जिससे लोग यात्राओं से बच रहे हैं।जोनल रेलवे को शुक्रवार को भेजे गए पत्र में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि ट्रेनें अब अपने नियमित नंबर के साथ संचालित की जाएंगी और किराया भी महामारी से पहले के होगा। विशेष ट्रेनों और होलीडे स्पेशल ट्रेनों का किराया मामूली रूप से ज्यादा होगा। शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया, ‘कोरोना महामारी को ध्यान रखते हुए सभी नियमित मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें एमएसपीसी (मेल-एक्सप्रेस विशेष) और एचएसपी (होलीडे स्पेशल) के रूप में संचालित हो रही हैं। अब फैसला लिया गया है कि वर्किंग टाइम टेबल 2021 में शामिल एमएसपीसी और एचएसपी ट्रेन सेवाएं नियमित नंबरों पर संचालित होंगी। यात्रा की संबंधित श्रेणियों और ट्रेनों के प्रकार के अनुसार किराया लिया जाएगा।’
कोरोना महामारी से पहले लगभग 1700 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही थीं
आपको बता दें कि कोरोना महामारी से पहले लगभग 1700 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही थीं, लेकिन महामारी के कारण इन ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ा था। महामारी से देश के प्रभावित होने के बाद से भारतीय रेलवे पूरे देश में पूर्ण आरक्षण के साथ विशेष ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इन विशेष ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सामान्य ट्रेनों की तुलना में 30 फीसद ज्यादा किराया देना पड़ता था।
एक-दो दिन में लागू हो जाएगा आदेश
हालांकि आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जोनल रेलवे कब से महामारी से पूर्व की नियमित सेवाओं में वापस आएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जोनल रेलवे को निर्देश दिया गया है। आदेश तत्काल प्रभाव से है, लेकिन प्रक्रिया में एक-दो दिन लग सकता है।
रेलवे के राजस्व में वृद्धि
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर रियायतें, बेड रोल और भोजन सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लागू रहेंगे। बिना किसी रियायत और विशेष ट्रेनों के संचालन से रेलवे के राजस्व में भी काफी वृद्धि देखी गई है। रेलवे ने पहली की तुलना में 2021-2022 की दूसरी तिमाही के दौरान यात्री खंड से आय में 113 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।