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बलरामपुर जिले में भी लैंटना उन्नमूलन के लिए 4 करोड़ 39 लाख रुपए खर्च हुए
बलरामपुर जिले में रेंजर के पद डिप्टी रेंजर संभाल रहे, कागजों में करा रहें करोड़ो रुपए के काम
बलरामपुर। बलरामपुर जिले के पांच रेंज में रेंजर के पद पर डिप्टी रेंजर को पदस्थ किया है। जबकि जिले में रेंजर हैं और वे रेंजर के पद पर काम भी करना चाहते हैं। लेकिन उनका कहना है कि वे उस पद पर बैठकर काम तो कर सकते हैं, लेकिन उसके अलावा बड़े अफसरों और नेताओं को खुश नहीं कर सकते, क्योंकि यह उनके लिए महंगा काम है।
बलरामपुर जिले में नौ रेंज है, 5 रेंज शंकरगढ़, चांदो, धमनी, कुसमी सहित में डिप्टी रेंजर पोस्टेड हैं। इन रेंज विभाग की योजनाओं में गड़बड़ी की कई गंभीर शिकायत है। लेकिन इसके बाद भी उनकी जांच तक नहीं हो रही है। इनमें कई रेंज में हाथी विचरण पर निगरानी रखने टावर और वनोपज गोदामों और दफ्तर व आवासों से मुख्य मार्ग तक पहुंच के लिए सीसी रोड़ का कागजों में निर्माण का आरोप भी लग रहा है।
शंकरगढ़ और कुसमी रेंज में भी यह गड़बड़ी होने के आरोप हैं। विभाग के कुछ अफसर इस गड़बड़ी से नाखुश हैं। लेकिन उनकी आवाज को अनसुना कर दिया है। कागजों में निर्माण कराने के पीछे की वजह एक अफसर ने बताया कि सभीअधिकारी- कर्मचारी का इतना प्रतिशत कमीशन तय है कि निर्माण के लिए स्वीकृत राशि पूरी तरह कमीशन में चली जाती है और यही वजह है कि गड़बड़ी सामने नहीं आती है। यह भी एक कारण है कि डिप्टी रेंजर को पोस्टेड कर इस तरह की गड़बड़ी कराई जा रही है।
बलरामपुर जिले में भी लैंटना उन्नमूलन के लिए 4 करोड़ 39 लाख रुपए खर्च हुए हैं
लेंटाना उन्मूलन के नाम पर भी कागजी खानापूर्ति, कार्रवाई नहीं वन विभाग के अफसरों की लापरवाही और बिना मॉनिटरिंग के बरसात के मौसम में लगाए गए पौधों और चारागाह भी सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि विभाग के अफसर हर साल जंगलों में पौधे लगाते हैं, लेकिन गड़बड़ी और लापरवाही पर कार्रवाई नहीं होती है, जबकि इस पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। बता दें कि लेंटना उन्मूलन पर बलरामपुर जिले में करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन यह काम सिर्फ कागजों में हो रहा है और लेंटाना (पुट्स झाड़ी) किसानों के खेत तक पहुंच गया है। किसानों के कई एकड़ जमीन इस से खेती लायक। इसका उदाहरण शंकरगढ़ और कुसमी में देखा जा सकता है।