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कुंदन गुप्ता
कुसमी। विकासखण्ड के ग्राम चाँदो, बसकेपी, मड़वा, करचा सहित एक दर्जन ग्राम पंचायतो में बेमौसम बारिश एवं मंगलवार और बुधवार शाम को ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों से मिलकर किसानों से मिलकर उनके दर्द साझा करते हुए, खेतों में पहुंचकर जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह ने हालतों का मुआयना किया। इस दौरान एसडीएम अजय किशोर लकड़ा सहित राजस्व अमला ने भी नुक़सान का आकलन करके मुवाबजा प्रतिवेदन तैयार किया गया है।
ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं, चना, अरहर और सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई है। ओलावृष्टि के कारण क्षेत्र में करीब 80 से 90 फीसदी फसलों की नुकसानी हुई है। जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। वैश्विक कोरोना महामारी और इस आपदा व रासायनिक खादों के मूल्य वृद्धि से किसानों के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। कर्ज की समस्या से जूझ रहे किसानो को अब ओलावृष्टि के कारण और अधिक परेशानी बढ़ गई है। फसल काटने की तैयारी के बीच लेकिन अचानक हुए बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है। जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह ने क्षेत्र के किसानो से मुलाक़ात करके फसलों के नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण जल्द बनाने के लिए अधिकारियों को कहा है।
ओलावृष्टि से किसानो की उम्मीदें टूटी
इलाके में पिछले तीन दिनों से मौसम का कहर और ओलावृष्टि आफत बनकर टूटा है। लगातार खराब हो रही फसलों पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने सारी उम्मीदों को तोड़ दिया है। अब सिर्फ जिला प्रशासन से ही किसानो के उम्मीद टिकी हुई है। गुरुवार को राजस्व विभाग द्वारा खेतों का सर्वे किया जा रहा है। ओलावृष्टि के कारण क्षेत्र की कई एक़ड फसलें खराब हो गई है। इधर किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी से अब तक नहीं उबर पाए, फिर बारिश व ओलावृष्टि ने कमर तोड़ दी है।