नई दिल्ली, पीटीआइ एजेंसी। भारत के सर्विस सेक्टर्स की एक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेस पीएमआई बिजनेसेस एक्टिविटी इंडेक्स (S&P Global India Services PMI Business Activity Index) के मुताबिक मई महीने में भारत के सर्विसेस सेक्टर की एक्टिविटी पिछले 11 साल में सबसे मजबूत स्तर पर रही है। हालांकि, इस दौरान इस सेक्टर पर बढ़ती लागत का भी दबाव देखने को मिला है।
मई में 11 सालों में सर्विस सेक्टर्स में सबसे मजबूत दर से विस्तार हुआ है, जो कि नए कारोबार में बढ़ोतरी के कारण संभव हो सका है। पिछले कुछ सालों में इनपुट लागत में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। यह जानकारी मंथली सर्वे में शुक्रवार को सामने आई। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल में 57.9 से बढ़कर मई में 58.9 हो गया। लगातार 10वें महीने में बढ़ती उत्पादन लागत के बावजूद मई में सबसे ज्यादा हुई सर्विस सेक्टर की ग्रोथ दर्ज की गई है।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट डायरेक्टर इकोनॉमिक्स पोलियाना डीलीमा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने से सर्विस सेक्टर्स में काफी वृद्धि हुई है। मई में 11 सालोंं में व्यावसायिक गतिविधि सबसे तेज गति से बढ़ी है, जो जुलाई 2011 के बाद से नए ऑर्डर में सबसे तेज उछाल होने के कारण संभव हुआ है।
सर्वे में कहा गया है कि नए व्यापार विकास में पर्याप्त पिक-अप का समर्थन किया गया था, क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने के बाद मांग में सुधार हुआ है। हालांकि, नवीनतम परिणाम से भारतीय सेवाओं के लिए वैश्विक मांग में कमी का संकेत मिला है। वहीं, मार्च 2020 में COVID-19 की शुरुआत के बाद से विदेशों से भारत में आने वाले नए व्यवसाय में अब हर महीने गिरावट दर्ज की जा रही है।
कीमतों की बात की जाए तो इंफ्लेशन की दर साढ़े 16 साल के डेटा संग्रह में सबसे अधिक हो गई है। अधिक भोजन, ईंधन, श्रम, सामग्री, खुदरा और परिवहन लागत का हवाला देते हुए पैनलिस्टों में से कुछ ने इसमें वृद्धि का संकेत दिया है। वहीं, लीमा ने कहा कि उच्च कीमत दबाव व्यापार को प्रभावित कर रही है।
अधिकतर फर्म इस बात से चिंतित हैं कि इंफ्लेशन रुकेगा और आर्थिक सुधार प्रभावित होगा। इसका प्रभाव नौकरियों पर भी हुआ है। सर्विस प्रोवाइडर्स मई में अतिरिक्त कर्मचारियों को लेने से कतरा रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि वास्तव में रोजगार में एक नए सिरे से लेकिन केवल मामूली गिरावट आई थी। इस बीच, एसएंडपी ग्लोबल इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स, जो संयुक्त सेवाओं और विनिर्माण उत्पादन को मापता है। अप्रैल में 57.6 से बढ़कर मई में 58.3 हो गया, जो पिछले नवंबर के बाद से सबसे तेज विस्तार दर की ओर इशारा करता है। सर्वे में कहा गया है कि सर्विस अर्थव्यवस्था में इनपुट कीमतों में मजबूत उछाल के बीच कुल लागत बोझ मार्च 2011 के बाद से सबसे तेज दर से बढ़ा है।