[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]

भाजपाइयों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए विधायक बृहस्पत सिंह को जिम्मेदार ठहराया

राकेश कन्नौजिया


बलरामपुर।
बलरामपुर जिला मुख्यालय के जनपद पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ लगे अविश्वास प्रस्ताव में अब सियासी रंग चढ़ गया है। भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों ने अपने ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाया है।

कुछ जनपद सदस्यों ने विधानसभा चुनाव के समय अपने ही भाजपा के ख़िलाफ़ बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसे भाजपा ने 6 साल के लिए निष्कासित किया था वही आज भाजपा के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में पूरे शहर में रैली निकाली और कार्रवाई की मांग की। वही भाजपाइयों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए विधायक बृहस्पत सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।

वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष गोपाल कृष्ण मिश्रा ने कहा जो भाजपा से बगावत कर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था। आज जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से तालमेल न होने के कारण सभी जनपद सदस्य बगावत पर उतर आए है मेरे पास आवेदन आया है। जांच उपरांत ग़लत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।आपको बता दे जनपद पंचायत बलरामपुर में 18 जनपद सदस्यों में 15 जनपद सदस्य भाजपा समर्थित है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का 2 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद इन पर ठीक से कार्य नहीं करने का आरोप लगाते हुए जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाया है और 9 दिसंबर को इसमें वोटिंग होनी है। वोटिंग से ठीक पहले आज भाजपाइयों ने विधायक बृहस्पति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पूरे शहर में रैली निकाली और उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों को पैसे और काम का लालच देकर विधायक द्वारा उन्हें अगवा किया गया है और अविश्वास प्रस्ताव लगाया गया है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने भाजपा के जिला अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जनपद के अध्यक्ष रवि राय पैकरा और उपाध्यक्ष भानु प्रकाश दीक्षित ने कहा कि लोभ और लालच देकर उनके जनपद सदस्यों को विधायक द्वारा अपनी ओर खींचा गया है लेकिन उन्हें भरोसा है कि 9 दिसंबर को होने वाले फ्लोर टेस्ट में वह जरूर जीतेंगे।

विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है। आरोप लगाने वाले खुद भाजपा से बगावत कर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे जिसे पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित किया था।वही आज अपने ही भाजपा समर्थित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लगाए है।


भाजपा से बगावत कर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था। आज जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से तालमेल न होने के कारण सभी जनपद सदस्य बगावत पर उतर आए है मेरे पास आवेदन आया है। जांच उपरांत ग़लत पाए जाने पर कार्रवाई की जायेगी।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!