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नई दिल्ली, एएनआइ एजेंसी। भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को बड़ा फैसला लिया। भाजपा ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। आपको मालूम हो कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा बीते कुछ समय से विवादों में घिरी हुई हैं। उनके द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर की गई विवादास्पद टिप्पणी का मामला इतना खींच गया कि आखिरकार, भाजपा ने उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता वापस ले ली। भाजपा की सेंट्रल डिसीप्लिनरी कमेटी (Central Disciplinary committee) ने नूपुर शर्मा के विचारों का हवाला देते हुए विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है।
पार्टी ने दिल्ली मीडिया के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी से यह कहते हुए निष्कासित कर दिया कि सोशल मीडिया पर उनके विचार सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं और इसकी मौलिक मान्यताओं का उल्लंघन करते हैं। दिल्ली के अध्यक्ष आदेश गुप्ता के एक पत्र में कहा गया है कि आपकी प्राथमिक सदस्यता तुरंत समाप्त कर दी जाती है और आपको पार्टी से निकाला जाता है।
बता दें कि विवादों को शांत करने की कोशिश करते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है।
Citing her views “contrary to the Party’s position on various matters,” BJP suspends Nupur Sharma from the party with immediate effect pic.twitter.com/JBN3R7wLxY— ANI (@ANI) June 5, 2022
भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने कहा
भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच अपने एक बयान में कहा कि पार्टी किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या अपमान करने वाली किसी भी विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे लोगों को बढ़ावा नहीं देती है। हालांकि, भाजपा नेता ने अपने बयान में किसी भी घटना या टिप्पणी का कोई सीधा जिक्र नहीं किया।
प्रत्येक नागरिक को पसंद का धर्म चुनने का अधिकार
अरुण सिंह ने कहा कि भारत के हजारों वर्षों के इतिहास में हर धर्म फला-फूला है। भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है। बता दें कि नूपुर शर्मा की टिप्पणी का विपक्षी दलों और मुस्लिम समूहों ने विरोध किया है।