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छत्तीसगढ़। अंग्रेजों के हुकुमत के विरूद्ध में बस्तर के वनांचल क्षेत्र में क्रांतिकारी युद्ध का नेतृत्व करने वाले जननायक गुण्डाधूर, डेबरीधूर एवं अन्य शहीदों की स्मृति में प्रतिवर्ष 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में 10 फरवरी को सुन्दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, जितेन्द्र मीणा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला बस्तर तथा अन्य पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा वीर शहीद गुण्डाधूर के गृहग्राम नेतानार पहुंचकर शहीद गुण्डाधूर, डेबरीधूर एवं अन्य शहीदों का स्मरण करते हुये उनके मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया ।

उल्लेखनीय है कि बस्तर पुलिस द्वारा कुछ वर्ष पूर्व शहीद गुण्डाधूर के गृहग्राम नेतानार में एक विशाल मूर्ति की स्थापना किया जाकर प्रत्येक राष्ट्रीय पर्व एवं अन्य अवसरों पर कार्यक्रम आयोजित कर क्षेत्र की युवा पीढ़ी एवं जनता को बस्तर क्षेत्र की शांति सुरक्षा विकास के लिए समर्पित होकर कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाता है। सुन्दरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा बताया गया कि बस्तर रेंज की जनता के जानमाल की रक्षा करते हुये छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् अब तक 1270 पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बल के जवानों की शहादत हुई।

माओवादियों की हिंसात्मक एवं नकारात्मक विचारों के शिकार होकर बस्तर संभाग में अब तक 1769 निर्दोष ग्रामीणों की भी जनहानि हुई। इन तमाम चुनौती एवं संघर्ष के बावजूद भी बस्तर क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाने हेतु पुलिस, सुरक्षा बल सदस्य एवं बस्तर की जनता दृढ़ संकल्पित है। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज द्वारा भूमकाल दिवस की 112वीं वर्षगांठ के अवसर पर बस्तर क्षेत्र की जनता से प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के जनविरोधी एवं विकास विरोधी विचारों का मुंहतोड़ जवाब देते हुये बस्तर क्षेत्र की सकारात्मक पहचान दिलाने हेतु पुलिस, सुरक्षा बल एवं स्थानीय प्रशासन के साथ सहभागीदारी निभाने हेतु अपील की गई।

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