कुंदन गुप्ता
कुसमी।
नगर पंचायत द्वारा अंधोसंरचना मद से गौठान निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी को फायदा पहुंचाने के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा शासन से प्राप्त राशि साथ अन्य मद की राशि को परिवर्तित कर दोगुनी से अधिक राशि का भुगतान मनमाने ढंग से किए जाने के बाद नगर पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष प्रेस नोट जारी कर अधिकारी- कर्मचारियों का बीच बचाव किया है।प्रेस नोट में नगर पंचायत अध्यक्ष गोवर्धन राम भगत व उपाध्यक्ष जावेद रहमानी ने वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद व पार्षद नेताप्रतिपक्ष सोमनाथ भगत के उपर राजनीति द्वेष का आरोप लगाया है।

अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि पार्षद द्वारा गौठान निर्माण में शिकायत पूरी तरह से निराधार एवं गलत है। नगर पंचायत की विकास की अगर इतना ही चिंता होती तो पार्षद द्वारा तीन बार परिषद की बैठक का बहिष्कार नही किया जाता। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया है कि वार्ड क्र. 11 के पार्षद अपने मन से नपं कुसमी में प्रतिपक्ष का नेता बने हुए है जबकि नगर पंचायत में नेता प्रतिपक्ष का कोई संवैधानिक पद है ही नही। नगर पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष द्वारा गौठान के निर्माण कार्य में की गई शिकायत को पूरी तरह ग़लत बताया गया है। उन्होंने कहा की ठेकेदार द्वारा 75% से ज़्यादा निर्माण कार्य कर दिया गया है। इंजीनियर द्वारा 11.42 लाख मूल्यांकन किया गया। कटौती उपरांत ठेकेदार को 8.85 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। ठेकेदार द्वारा अभी की स्थिति में करीब 80% कार्य किया जा चुका है। वार्ड पार्षद द्वारा की गई शिकायत सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। 
सोमनाथ भगत, सामाजिक कार्यकर्ता व पार्षद नेता प्रतिपक्ष। मेरे द्वारा जो शिकायत किया गया है उक्त जानकारी आरटीआई के तहत नपं सीएमओ द्वारा मुझे उपलब्ध कराया गया है। उसके आधार पर ही शिकायत की गई है। प्रदत्त जानकारी में कार्यालय द्वारा स्पष्ट रूप से शासन से स्वीकृत राशि 19.11लाख में से प्राप्त राशि 4.78 लाख रूपए दिया गया है। निर्माण एजेंसी को भुगतान की गई राशि 11.42 लाख है। जो नियम विरुद्ध मनमाने ढंग से ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की मंशा से किया जाना स्पष्ट है। सत्ता शासन के प्रभाव में इस प्रकार का कृत्य नगर पंचायत सीएमओ द्वारा पहले भी किया जा चुका है। कुछ दिन पहले ही प्रक्रियाधीन कार्यों का शिलान्यास-लोकार्पण का कार्यक्रम हुआ था।जिसका भी विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने सता में बैठे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष से सवाल भी किया है कि नेता प्रतिपक्ष चुनने का अधिकार किसे है, विपक्ष में बैठे पार्षदों को या सत्ता पक्ष के में बैठे लोगों या सीएमओ को।
लेखापाल धनेश्वर यादव के कहा कि आधिकारिक रूप से ये जानकारी में नही दे सकता हूँ। जानकारी के लिए आरटीआई या सीएमओ साहब से संपर्क करिए। वही मामले में नगर पंचायत सीएमओ एसके दुबे ने कहा कि गौठान निर्माण में ठेकेदार को अंधोंसंरचना मद का पिछला पूराना राशि दिया गया है। शासन द्वारा आवंटन जारी करने में लेटलतीफ़ी होता रहता है। वही ठेकेदार को समय से भुगतान नही करने पर काम बंद कर दिया जाता है। इस कारण ठेकेदार को काम व मूल्यांकन के आधार पर भुगतान किया गया है।

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