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छत्तीसगढ़।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को दंतेवाड़ा पहुंच गए हैं। वह वहां पर छिंदनार- पाहुरनार घाट पर बहुप्रतीक्षित इंद्रावती नदी पर बने पुल का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इस गांव में पहली बार कोई मुख्यमंत्री आया है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण पुल नहीं है। यह दंतेवाड़ा- बीजापुर-नारायणपुर को जोड़ने वाला है। यह पुल सिर्फ 10 गांवों को ही जोड़ने वाला नहीं है, बल्कि पूरे बस्तर को अबूझमाड़ से जोड़ने वाला है।


मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इसका फायदा न सिर्फ स्कूल जाने वाले बच्चों को मिलेगा। बल्कि बारिश में जान खतरे में डाल डोंगी से नदी पार करने वाले ग्रामीणों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि डायल-112, एंबुलेंस 108 की सेवा आपके गांव तक पहुंचेगी। यह पुल सही मायने में विकास का द्वार है।दंतेवाड़ा में ज्योति कलश स्थापित होगा मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पुल को बनाने में बहुत सारे जवानों और ग्रामीणों ने अपनी शहदात दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके साथ ही पुल का नाम पाहुरनार के पूर्व सरपंच पोसेराम के नाम से करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि दंतेश्वर मंदिर का भी रायपुर के कौशल्या मंदिर की तर्ज पर विकास होगा और वहां ज्योति कलश स्थापित किया जाएगा। पहली बार होगा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री इंद्रावती नदी पार अबूझमाड़ धुर नक्सल प्रभावित गांवों के ग्रामीणों से सीधे रुबरु भी होंगे। छिंदनार में पुल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री जगदलपुर के लिए रवाना होंगे। जगदलपुर वासियों को भी करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात देंगे।
 इंद्रावती नदी पार का पूरा इलाका नक्सलगढ़ है
ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंद्रावती नदी पर बने जिस पुल का CM उद्घाटन करेंगे इस पुल को बनाने की राह जरा भी आसान नहीं थी। नक्सलियों ने ग्रामीणों को प्रताड़ित किया। उनकी कई बार पिटाई की। कई ग्रामीण गांव छोड़ने मजबूर हुए। पाहुरनार के सरपंच पोसेराम की हत्या तक कर दी। सुरक्षा में तैनात जवानों पर IED ब्लास्ट किया जिससे 1 जवान शहीद भी हुआ। वहीं इस पुल के बनने के बाद अब अबुझमाड़ के ग्रामीण सीधे जिला मुख्यालय से जुड़ गए हैं।

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