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नई दिल्ली, एजेंसी। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को आज सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चुनाव आयोग को एक हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। इससे पहले मंगलवार को अदालत में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद शिवराज सरकार ने संशोधन याचिका दायर की थी।बता दें कि राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसके बाद आज आरक्षण देने के आधार को लेकर सरकार का पक्ष सुना गया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आकलन के बाद ही वह ओबीसी आरक्षण पर फैसला देगा। 
बता दें कि मप्र की शिवराज सरकार ने एप्लीकेशन फार माडिफिकेशन के माध्यम से बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने 10 मई को जो आदेश दिया था उसमें संसोधन की मांग की गई थी। सरकार का कहना था कि वह चुनाव कराने के पक्ष में है लेकिन ओबीसी वर्ग को निकाय और पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत आरक्षण मिले इसके लिए सरकार की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने ही ओबीसी आरक्षण के आधार संबंधी रिपोर्ट शीर्ष न्यायालय में पेश की थी। आयोग द्वारा ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की मांग की गई थी। एमपी में तीन स्तर पर (ग्राम, जनपद और जिला) पंचायत और नगरीय निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए शीर्ष कोर्ट ने अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे।

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