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लखनऊ, जेएनएन, एजेंसी। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में कामकाज को रफ्तार देने के लिए सेक्टरवार कार्ययोजनाएं तैयार करा रही है। आज योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के सामने सभी विभागों को अगले 100 दिनों की कार्ययोजना के बारे में प्रस्तुतीकरण देना होगा। इसके लिए उन्हें सिर्फ 30 मिनट का समय मिलेगा।
योगी सरकार इन्हीं 100 दिनों की कार्ययोजना के जरिए रोजगार, तकनीकी, विकास और सुधार की कसौटियों पर परखेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंत्रिपरिषद के समक्ष आज से सेक्टरवार विभागीय प्रस्तुतीकरण शुरू होगा।
बीती पांच मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभिन्न विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना का खाका मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रस्तुत किया था। प्रस्तुतीकरण के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों को समूहबद्ध कर 10 सेक्टर गठित कर सेक्टरवार विभागीय प्रस्तुतीकरण करने का निर्देश दिया था।
सेक्टरवार विभागीय प्रस्तुतीकरण के लिए कार्ययोजनाएं तैयार करने की खातिर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी विभागों को शासनादेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि प्रस्तुतीकरण के लिए कार्ययोजनाएं तैयार करने में रोजगार सृजन (प्रत्यक्ष/परोक्ष) पर खास जोर दिया जाए। इसमें टेक्नोलाजी के नवीन उपयोग और अभिनव प्रयोगों पर विशेष बल देने की हिदायत दी गई है।
कार्ययोजनाएं तैयार करने में विभागों को आर्थिक विकास के साथ महिला सशक्तीकरण व उत्थान पर भी ध्यान देना होगा। विभागों को अपनी कार्ययोजनाएं ईज आफ लिविंग और ईज आफ डूइंग बिजनेस जैसे सुधारों पर भी केंद्रित करनी होगी। प्रस्तुतीकरण से पहले विभागों को अपनी कार्ययोजना विभागीय मंत्री से भी मंजूर करानी होगी।
विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को अधिकतम 30 मिनट में प्रस्तुतीकरण करेंगे। पहले पांच मिनट में विभाग का संक्षिप्त परिचय देना होगा। अगले पांच मिनट में बीते पांच वर्षों के दौरान विभाग की प्रमुख उपलब्धियों का विवरण देंगे। फिर अगले 10 मिनट के दौरान 100 दिन और छह माह की कार्ययोजना बताएंगे। आखिरी 10 मिनट में एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना का विवरण दिया जाएगा।
कार्ययोजना में लोक कल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं को भी शामिल करना अनिवार्य है। कार्ययोजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संसाधनों की व्यवस्था, समय सारिणी और माइलस्टोन्स का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा। प्रस्तुतीकरण में स्पष्टता के लिए चित्र, ग्राफ, फोटो आदि का अधिक से अधिक उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। जिससे इसको समझने में आसानी रहे।