रायपुर,एजेंसी। छत्‍तीसगढ़ के पट्टाधारी किसानों को सरकार जमीन का मालिक बनाएगी। इसके लिए सरकार ने राजस्व कानून में संशोधन किया है। इस संशोधन विधेयक को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मंजूरी दे दी है। इससे राज्य के करीब एक लाख 28 हजार किसानों को लाभ होगा। इन किसानों के पास एक लाख 38 हजार हेक्टेयर से अधिक का पट्टा है, जो उन्हें शासन की विभिन्न् योजनाओं के तहत मिला है।

जुलाई में हुए मानसून सत्र में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने यह संशाेधन विधेयक प्रस्तुत किया था। पट्टे की जमीन का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए किसानों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। अफसरों के अनुसार मालिकाना हक मिलने से किसान अपनी आश्यकता के अनुसार जमीन की खरीदी-बिक्री भी कर सकेंगे।

संशोधन विधेयक के बाद 20 वर्ष या उससे अधिक समय से कृषि भूमि का पट्टा रखने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा। नए कानून में स्पष्ट प्रविधान किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति जो राज्य सरकार या कलेक्टर या आवंटन अधिकारी द्वारा उसे मंजूर किए गए किसी पट्टे के आधार पर भूमि धारण किया हुआ है। ऐसे आवंटन तारीख से 20 वर्ष पूर्ण होने की तारीख पर, ऐसी भूमि के संबंध में भूमिस्वामी समझा जाएगा और उन समस्त अधिकारों और दायित्वों के अध्यधीन होगा जो इस संहिता द्वारा या उसके अधीन किसी भूमिस्वामी को प्रदत्त और उस पर अधिरोपित किए गए हैं।

किसानों का लोन माफ करना रेवड़ी बांटना नहीं है: सीएम बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रेवड़ी बांटने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्योगपतियों का कर्ज माफ करना रेवड़ी बांटना होता है। किसानों का लोन माफ करना रेवड़ी बांटना नहीं है। प्रदेश के तीसवें जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी करती है, भूमिहीनों को सात हजार रुपये की आर्थिक मदद करती है, गरीबों को 35 किलो चावल प्रदान करती है, 400 यूनिट तक बिजली का बिल हाफ कर दिया, मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की, भाजपा इसे रेवड़ी कहती है। हम किसानों का लोन माफ करते हैं तो वह रेवड़ी है, भाजपा उद्योगपतियों का लोन माफ करती है, वह रबड़ी है। भाजपा गाय के नाम पर वोट लेती है परंतु गाय के गोबर की खरीदी की छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का विरोध करती है।

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