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उदयपुर,एजेंसी। कांग्रेस के चिंतन शिविर से दो दिन पहले उदयपुर पहुंचे भाजपा नेता और राज्य सभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को उदयपुर पुलिस ने होटल से उठा लिया। उनके विरोध के दौरान उन्हें पुलिस के वाहन में बिठाया, लेकिन यह तक नहीं बताया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है। सांसद ने पुलिस की इस कार्रवाई को कानून के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। हालांकि, जाने से पहले उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस के चिंतन शिविर के साथ आदिवासियों की चिंता को लेकर भी चर्चा करे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस लेकर जा रही थी, तब वहां मौजूद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह उदयपुर में अपने कार्यकर्ता के पिता की तबीयत पूछने आए थे। यहां पत्रकारों से बात करनी थी, लेकिन इससे पहले पुलिस ने उन्हें होटल में घेर लिया। उन्हें कहा गया कि जब तक सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर में हैं तब तक वह यहां नहीं रह सकते। इस बारे में उनसे सरकार के आदेश मांगे तो पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आदेश है, जिसकी वह पालना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह लोकतंत्र की हत्या है। उनके होटल में ठहरने, मीडिया से बातचीत करने तथा यहां रहने पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्हें यह नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है।

जाते-जाते सोनिया गांधी को दे गए सलाह
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस यहां चिंतन शिविर कर रही है। उनकी सोनिया गांधी को सलाह है कि इसे केवल कांग्रेस का चिंतन शिविर की तरह नहीं लें, बल्कि आदिवासी जनता के लिए चिंता का शिविर भी बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता परेशान है और सरकार चिंतन शिविर लगाने में जुटी है। चिंतन करना है कि आदिवासी जनता का करें। आदिवासी भूख और कुपोषण का शिकार है। उनके साथ उत्पीडन हो रहा है और उनकी जमीनों पर कब्जा हो रहा है। मानव तस्करी हो रही है। बदहाल आदिवासियों की खुशहाली के लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी क्या कर सकती है, यह चिंतन होना चाहिए।
गहलोत के होटल वालों से आर्थिक संबंधों की जांच कराए
राज्य सभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सोनिया गांधी को यहां राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के होटल वालों से आर्थिक संबंधों की जांच करानी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो सारा माजरा सामने आ जाएगा कि सरकार का मुखिया किन-किन चीजों में लिप्त है।

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