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मुंबई, एएनआइ एजेंसी। मुंबई सत्र न्यायालय आज (सोमवार)  सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Controversy) पढ़ने की धमकी देने के मामले में उनके खिलाफ दायर जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। राणा दंपति पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124A यानी राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है।

राणा दंपत्ति ने अदालत में दिया ये तर्क

अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान राणा दंपत्ति ने अदालत में तर्क दिया कि केवल अपराध करने के इरादे से दंडित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने का आह्वान करने से धार्मिक तनाव बढ़ सकता था, लेकिन मातोश्री के बाहर इसका जाप करने का आह्वान करने से कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं होता।

राणा दंपत्ति के वकील पोंडा ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देश के किसी भी नागरिक को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है और राणा दंपत्ति ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जो देशद्रोह के बराबर हो। “एक नागरिक को तब तक सरकार की आलोचना करने का अधिकार है जब तक कि वह हिंसा को उकसाता नहीं है। यह कहकर कि मैं हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहा हूं, हिंसा को बढ़ावा नहीं है।

राणा दंपत्ति की जमानत का मुंबई पुलिस ने किया विरोध

मुंबई पुलिस ने नवनीत राणा और रवि राणा के खिलाफ दर्ज 6 मामलों का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया है। राणा दंपत्ति के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा एक अन्य प्राथमिकी में उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिसकर्मियों से बदसलूकी करने का आरोप है।

गौरतलब है कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा मुंबई की भायखला महिला जेल में और उनके विधायक पति तलोजा जेल में बंद हैं। राणा दंपत्ति को 23 अप्रैल को बांद्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की सार्वजनिक घोषणा के बाद गिरफ्तार किया गया था।

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