बलरामपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार 11 दिसंबर को सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण न्यायालय में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में राष्ट्रीय लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है। इस हेतु जिला न्यायालय के अंतर्गत जिला विधिक प्राधिकरण रामानुजगंज के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु 9 खण्डपीठ का गठन किया गया है। उक्त खण्डपीठों के द्वारा ही विभिन्न प्रकरणों तथा प्री लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा।जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुरैशी ने बताया है कि लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामले, राजस्व मामले एवं पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता है। इसके अतिरिक्त दूरसंचार विभाग, नगर पालिका परिसर में वसूली सबंधी लंबित प्रकरण प्री लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सहायता प्राधिकरण में प्रस्तुत किये जाएंगे,जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर लोक अदालत के खण्डपीठ में निराकृत किये जाएंगे। बाल न्यायालय से संबंधित छोटे-मोटे अपराध का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किये जायेंगे। आम जनता को राहत देने हेतु कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के उल्लंघन में दर्ज धारा-188 भारतीय दंड संहिता एवं महामारी अधिनियम के तहत् दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण गृह विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार किए जाने का प्रयास किया जाएगा।जिला एवं सत्र न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेशमा बैरागी के द्वारा नेशनल लोक अदालत के आयोजन के पूर्व आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने अधिकाधिक प्रकरणों को सफलतापूर्वक निराकरण करने एवं सफलतापूर्वक नेशनल लोक अदालत के आयोजन के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चाएं विभिन्न फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधियों, विभिन्न बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों एवं अधिवक्ताओं के साथ मीटिंग का आयोजन विभिन्न तिथियों पर किया गया है। जिन पक्षकारों के राजीनामा योग्य प्रकरण न्यायालयों में लंबित हैं एवं उनके प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में नहीं रखे गये है तथा वे पक्षकार राजीनामा करना चाहते हैं ऐसी स्थिति में ऐसे पक्षकार भी लोक अदालत के दिन न्यायालय में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का निराकरण राजीनामा के माध्यम से करवा सकते हैं।