[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस महामारी ने हम सभी को सेहत की अहमियत के बारे में अच्छी तरह सिखा दिया है। अब ज़्यादातर लोग अपनी सेहत और फिटनेस को लेकर सतर्क हो गए हैं। जो खाद्य पदार्थ एक ज़माने में आयुर्वेद के कई उपायों और इलाज में ही दिखते थे, वे आज पॉपुलर हो गए हैं। इन्हीं में से एक है आंवला। चाहे आंवले का काढ़ा हो, आचार या फिर जूस, यह फल कई तरह की औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो वात, पित्त, कफ जैसे तीनों शारीरिक दोष को ठीक करने की क्षमता रखता है। तो आइए जानें कि रोज़ाना आंवला खाना क्यों ज़रूरी है?
आंवला को संस्कृत में अमलाकी कहा जाता है, जिसका अर्थ है जीवन का अमृत। आंवला में मौजूद तत्व इम्यूनिटी को बढ़ावा देने, पाचन को दुरुस्त करने, मेटाबॉलिज़म और आंत की सेहत को सुधारने का काम करता है। आंवला विटामिन-सी, फाइबर और खनीज जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। आंवले में संतरे और दूसरे सिटरस फलों के मुकाबले 10 गुना ज़्यादा विटामिन-सी होता है, जो फ्री-रैडिकल्स द्वारा पहुंचाए गए नुकसान क कम करता है और सेल पुनर्जनन में मदद करता है।
रोज़ाना आंवला खाने से बांझपन, पाचन संबंधी समस्याएं, सर्दी, खांसी और एलर्जी जैसी कई बीमारियों का इलाज करने में मदद मिलती है। आंवला में उत्कृष्ट एंटी-इंफ्लेमेटरी, कैंसर विरोधी गुण होते हैं, इस तरह आंवले को कच्चा या फिर इसके रस के सेवन से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं ठीक हो सकती हैं।
रोज़ाना कितना आंवला खाना चाहिए और क्यों?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक वयस्क को जिन में 75-90mg आंवले का सेवन करना चाहिए। 100 ग्राम आंवला में 300 एमजी विटामिन-सी, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। रोज़ाना आंवले का सेवन इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है, उम्र बढ़ने से जुड़े जोखिमों को कम करता है और इसमें मौजूद विटामिन-ए, आंखों की सेहत को भी फायदा पहुंचाते हैं।
अपनी रोज़ की डाइट में आंवले को कैसे शामिल करें?
आंवले का मीठा, खट्टा और कसैला स्वाद इसे कच्चा खाना मुश्किल बनाता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसे कच्चा, जूस या फिर धूप में सुखाकर खाने के अपने फायदे हैं। वास्तव में, डिहाइड्रेटेड और धूप में सुखाए हुए आंवले में पोषक तत्वों की भरमार होती है, जिसे आप किसी भी समय खा सकते हैं।