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बलरामपुर।छत्तीसगढ़ में इन दिनों वन कर्मियों की हड़ताल जारी है जिसका सीधा असर अब जंगलों पर दिखने लगा है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ के कई जंगल गर्मी में भीषण आग की चपेट में आ जाते हैं और कई हरे भरे पेड़ जलकर राख हो जाते हैं। ऐसा ही इन दिनों बलरामपुर जिले के राजपुर के धंधापुर के जंगल में देखने को मिल रहा है। जंगल में फैली इस आग को बुझाने वाले हड़ताल पर हैं। वन कर्मियों के हड़ताल के कारण सब वन अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं हजारो पेड़ जलकर राख हो गए। कुछ वनकर्मी बंद कमरे में शासकीय कार्य कर रहे है।

छत्तीसगढ़ वन विभाग के आह्वान पर वनकर्मी 12 सत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए है। कार्य प्रभावित के साथ जंगल में आग बुझाने वाला कोई नही है। धंधापुर के जंगल में आग लगने से छोटे झाड़ के हजारो पेड़ जलकर राख हो गए। एक ओर सरकार लाखों रुपए खर्च कर हरे भरे पेड़ो को वृक्षारोपण कराते हैं।

राजपुर वन विभाग प्रांगण में कुछ वनकर्मी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है। वही कुछ वनकर्मी बंद कमरे में पुराने कार्य कर रहे है। बलरामपुर जिले से वन मंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह, राजपुर- कुसमी उप मंडलाधिकारी विजय भूषण केरकेट्टा व राजपुर वन परिक्षेत्राधिकारी अजय तिवारी का स्थानांतरण होने के बाद वन विभाग का कार्य प्रभावित हुआ है।

बलरामपुर जिले में नए वन मंडलाधिकारी विवेकानंद झा, राजपुर-कुसमी उप मंडलाधिकारी अशोक तिवारी व राजपुर में प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी महाजन साहू ने पदभार ग्रहण किए है मगर राजपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कार्य नही हो पा रहा है हमेशा मुख्यालय से नदारत रहते है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

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