अम्बिकापुर। वन अधिकार मान्यता अधिनियम के तहत वन भूमि का मालिकाना हक के रुप में भू-अधिकार पत्र मिलने से जिले के वनवासी किसान अब शासन की योजना का लाभ उठा रहें हैं। इसी कड़ी में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य में धान बेचने जिले के 465 वनवासी किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों के पट्टे में 186.95 हेक्टेयर धान का रकबा है।समर्थन मूल्य में धान बेचने का लाभ देने के लिए राज्य शासन द्वारा वन अधिकार पत्र धारक किसानों को भी पंजीयन की अनुमति दी गई है। वनाधिकार पत्र मिलने से वनवासी किसानों को अब अपनी उपज के धान को दूसरे के पट्टे में बेचने से मुक्ति मिल गई है। अब उन्हें वन भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के द्वारा कृषि एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक वनाधिकार पत्र धारी किसानों को समर्थन मूल्य में धान बेचने पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए थे।
वन अधिकार मान्यता अधिनियम के तहत वन भूमि का मालिकाना हक के रुप में भू-अधिकार पत्र मिलने से जिले के वनवासी किसान अब शासन की योजना का लाभ उठा रहें हैं। इसी कड़ी में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य में धान बेचने जिले के 465 वनवासी किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों के पट्टे में 186.95 हेक्टेयर धान का रकबा है।समर्थन मूल्य में धान बेचने का लाभ देने के लिए राज्य शासन द्वारा वन अधिकार पत्र धारक किसानों को भी पंजीयन की अनुमति दी गई है। वनाधिकार पत्र मिलने से वनवासी किसानों को अब अपनी उपज के धान को दूसरे के पट्टे में बेचने से मुक्ति मिल गई है। अब उन्हें वन भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के द्वारा कृषि एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक वनाधिकार पत्र धारी किसानों को समर्थन मूल्य में धान बेचने पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए थे।