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बलरामपुर। राजपुर में विजयादशमी के दिन अलग-अलग हिस्से में बुराई का प्रतीक रावण जलाया गया। वही नगरवासियों ने विजयादशमी के दिन नगर देवता की पूजा-अर्चना की।शुक्रवार को देशभर में विजयादशमी मनाई जा रही है इस दिन का हिन्‍दुओं में खास महत्व है। विजयादशमी की त्योहार असत्‍य पर सत्‍य की जीत का प्रतीक है। आज ही के दिन भगवान राम ने लंका के अधर्मी राजा रावण का वध किया था। वहीं दूसरी तरफ आज मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। नवरात्रि के नौ दिनों के बाद 10 वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्‍सव के रूप में विजयादशमी मनाई जाती है।राजपुर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक चार सहित अलग-अलग हिस्से में बुराई का प्रतीक रावण जलाया गया। लंका के रावण का तो भगवान राम ने वध कर दिया लेकिन महंगाई, भ्रष्‍टाचार, व्‍यभिचार, बेईमानी, हिंसा, भेदभाव, ईर्ष्‍या-द्वेष, पर्यावरण प्रदूषण, यौन हिंसा और यौन शोषण जैसे कई रूपों में आज भी रावण समाज में है, इसलिए आज उसे जलाया जाता है। 


विजयादशमी के दिन नगरवासियों ने नगर देवताओं की पूजा की
राजपुर नगर में सुख, शांति, समृद्धी बने रहे इसके लिए नगरवासियों ने विजयादशमी के दिन नगर देवताओं मां महामाया मंदिर, दरहाबाबा, महादेव मंदिर,दाऊगुड़ी मंदिर में ढ़ोल, नगाड़े, गांव के बैगा के साथ पहुंचकर  झंड़ागाड़ कर भक्ति- भाव के साथ पूजा-अर्चना की।इस दौरान शिवशरण जयसवाल, पूरनचंद जायसवाल, रामसेवक पैकरा, रामनारायण जायसवाल, शिवपूजन रजक, रमाशंकर पैकरा, राजू जायसवाल, शंकर पटेल, श्रीराम, गुड्डू आदि उपस्थित थे।

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