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छत्तीसगढ़। बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके बेचापाल में भी पुलिस कैंप के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस संवेदनशील इलाके में ग्रामीण 30 नवंबर से कैंप का विरोध कर रहे हैं। बेचापाल, मिरतुर, फुलगट्टा, तिमेनार समेत अन्य गांव के बड़ी संख्या में ग्रामीण आंदोलन पर उतर आए हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि, हमें अपने गांव में स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी चाहिए, लेकिन पुलिस कैंप और पक्की सड़क नहीं।यदि यहां सड़क बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी। यहां के लोगों को परेशान किया जाएगा। झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में दाखिल किया जाएगा। गांव अभी शांत है, कैंप खुलने से गांव का वातावरण खराब हो जाएगा। इधर पुलिस कैंप के विरोध में बेचापाल में ग्रामीणों ने विशाल रैली भी निकाली। रैली निकालते हुए ग्रामीण मिरतुर की तरफ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन इस बीच जवानों ने ग्रामीणों को रोक लिया। ग्रामीणों और जवानों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई।शिकार पर जाते हैं तो नक्सल वर्दी पहनाकर पकड़ लेती है ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि, अंदरुनी इलाके में जब वे शिकार पर निकलते हैं तो उस दौरान सर्चिंग पर पहुंची पुलिस पार्टी ग्रामीणों को पकड़ लेती है। जबरन नक्सलियों की वर्दी पहनाई जाती है। फिर या तो एनकाउंटर किया जाता है या फिर नक्सल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि, बेचापाल में पुलिस कैंप स्थापित किया जा रहा है उसे रोका जाए। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम इसी तरह से धरने पर बैठे रहेंगे। यहां कैंप खुलने से हमारे लिए परेशानी बढ़ जाएगी। गली सड़क चाहिए, बड़ी सड़क नहीं ग्रामीणों ने कहा कि, मिरतुर से लेकर बेचापाल तक लंबी-चौड़ी बड़ी सड़क बनाई जा रही है। सड़क बनने से खेतों को भी नुकसान पहुंच रहा है। बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हमें लंबी, बड़ी पक्की सड़क नहीं चाहिए। यदि बनाना ही है तो एक पतली सी गली सड़क बनाई जाए। ग्रामीणों ने कहा कि, अपनी मांगों को लेकर बीजापुर जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक संतोष जनक जवाब नहीं मिला है।