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कोरवा और आदिवासियों की करोड़ों की जमीन की अवैध खरीदी-बिक्री जांच में हो सकता है बेनामी संपत्ति का खुलासा


क्रेशरों में अवैध ब्लास्टिंग से 5 साल में 18 कोरवा गांव छोड़े, आदिवासी कर रहे भूमि वापसी व मुआवजा की मांग, कुछ निगरानी बदमाश चला रहे क्रेशर


बघिमा, बरियों, भिलाई, भेस्की, चंगोरी, धौरपुर, चरगढ़, डिगनगर बारूद के ढेर में, विभाग बेपरवाह

बलरामपुर। बलरामपुर और सरगुजा जिले के इलाके में संचालित केशर खदानों में खपने वाले पत्थर अवैध तरीके से राजस्व भूमि से निकाले जा रहे हैं। बघिमा, बरियों, भिलाई, भेस्की, चंगोरी, धौरपुर, चरगढ़, डिगनगर बारूद के ढेर में हैं। कोरवा और आदिवासियों की करोड़ों की जमीन की अवैध खरीदी-बिक्री, जांच में हो सकता है बेनामी संपत्ति का खुलासा, कुछ निगरानी बदमाश क्रेशर चला रहे हैं। धूल के गुबार से परेशान है कोरवा और आदिवासी आए दिन स्वास्थ्य ख़राब हो रहा है।

 बघिमा के सरपंच लीलावती ने पंचनामा तैयार कर बताया कि 5 साल के भीतर 18 लोगों ने गांव छोड़कर भागे हैं। उनका कोई पता नहीं हैं। कुछ लोग जंगल किनारे मकान बनाकर रह रहे है। उनके जमीन को क्रशर संचालकों के द्वारा धमकी देकर कम दामों पर खरीद कर ब्लास्टिंग किया जा रहा है। 

पहाड़ी कोरवा और आदिवासियों की करोड़ों की बेनामी भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।भूमि किसके नाम पर है यह भी विषय बना हुआ है। पहाड़ी कोरवा और आदिवासियों की भूमि सामान्य व पिछड़ा वर्ग के क्रेशर संचालकों के नाम पर स्थांतरण कैसे हुआ सवाल उठ रहा है। क्रेशर संचालकों के साथ राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व हल्का पटवारियों से तगड़ी साठगांठ होगी उच्चस्तरीय जांच होगी, तो कई तथ्य सामने आएंगे।

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