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अंबिकापुर।अंबिकापुर सहित बलरामपुर जिले के राजपुर इन दिनों शीतलहर ठंड की चपेट में है। न्यूनतम तापमान 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। जिले में पहुच रही है शुष्क हवाओं की वजह से अब शीतलहरी चुभन वालीं ठंड का एहसास सभी करने लगे है। रविवार को सरगुजा शहर का तापमान गिरकर 6 डिग्री तक पहुच गया।छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाला मैनपाठ व सामरीपाठ का तापमान 5 डिग्री तक पहुच गया है। बलरामपुर जिले में 6 डिग्री तक पहुच गया है। वनांचल क्षेत्रो के आदिवासी, पंडो जनजाति,राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पहाड़ी कोरवा अब अलाव जलाकर तरजगा करने में विवस है। रविवार को सुबह धुंध के कारण वाहन चालक 10 बजे तक लाइट व पार्किंग लाइट जलाकर चलते रहे। राजपुर नगर में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
सरगुज़ा सहित बलरामपुर जिले में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री गिरावट दर्ज की गई हैं। दिन में भी शीतलहरी चुभन वाली ठंड का एहसास सभी करने लगे है। वही वनांचल क्षेत्र के जंगलों में रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र, पण्डो जनजाति ,आदिवासी ग्रामीण पूरी रात अलाव के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं। सुबह-शाम घर से निकलना मुश्किल हो गया है। रात-सुबह कड़ाके की ठंड के साथ रात गुजर रही है। कडकड़ाते ठंढ के साथ पहाड़ी कोरवा, पंडो जनजाति व आदिवासियों को तरजगा करने में विवस है।शीतलहरी हवाओं के साथ पारा गिरने से कृषकों की फसल को नुकसान पहुच रहा हैं। सुबह हरे सब्जी व खलिहान में रखे पुआल में पारा जमें हुए दिखाई पड़ रहा है। रविवार को शीतलहरी चुभन वाली पूरे दिन में भी ठंड का एहसास हुआ।
राजपुर नगर में अलाव की व्यवस्था नहीं
बलरामपुर जिले के राजपुर में एक ओर नगर में ठंड बढ़ने लगी है, दूसरी ओर बस स्टैंड समेत सार्वजनिक स्थानों में अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे शाम और रात के समय राहगीरों यात्रियों को ठंड की मार झेलनी पड़ रही है। कुछ दिन पहले तक बदली की वजह से ठंड कम थी। लेकिन मौसम साफ होते ही जिले में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है।लोगों को रात के अलावा सुबह शाम के समय गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। सुबह के समय धूप से कुछ राहत मिल जाती है। लेकिन शाम के समय ठंड का असर शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे रात चढ़ती जाती है वैसे-वैसे तापमान गिरने लगता है और ठंड बढ़ता जाता है। राहगीर यात्री वर्ग ठंड की ज्यादा मार झेलते हैं। प्रतिवर्ष ठंड बढ़ते ही नगर पंचायत द्वारा लोगों को राहत दिलाने के लिए नगर क्षेत्र में बस स्टैंड समेत प्रमुख चौक-चौराहों में अलाव की व्यवस्था की जाती है। लेकिन इस वर्ष नगर के एक-दो स्थानों पर दो दिन अलाव की व्यवस्था की गई थीं। इसके बाद बंद कर दिया। इसके कारण रात के समय लोगों को खुले में ठंड से बचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है। जबकि रात बढ़ते ही पारा गिरने से खुले में गर्म कपड़े भी असर नहीं करते हैं। इस वजह से रात के समय में सफर करने वाले राहगीर ठंड से परेशान हो रहे हैं। खासकर बस स्टैंड में पहुंचने वाले यात्रियों को ठंड से रात भर जूझना पड़ रहा है।
गांवों में जलने लगे अलाव
ठंडका असर ग्रामीण अंचल में भी हो रहा है। जहां शाम होते ही ग्रामीण पैरा का उपयोग कर अलाव जला रहे हैं। इसके अलावा घरों में गोरसी में गोबर के कंडे, लकड़ी जलाकर ठंड से बचने का प्रयास किया जा रहा है। नगर क्षेत्रों में ज्यादातर घरों में रात के समय ठंड से बचने के लिए रूम हीटर का भी उपयोग किया जा रहा है।