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नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दिल्ली में प्रदूषण के खराब होते स्तर पर फिर सुनवाई होनी है। आज कोर्ट में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से इस बात की जानकारी दी जाएगी कि उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली की खराब होती हवा पर न सिर्फ चिंता व्यक्त की थी बल्कि कड़ा रुख भी इख्तियार किया था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को साफतौर पर कहा था कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए कदम भी उन्होंने ही उठाने होंगे। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आस-पास के राज्यों में जलती पराली का इसकी बड़ी वजह बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने ही दिल्ली में दो दिन का लाकडाउन लगाने का विकल्प भी सुझाया था। बता दें कि इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस आफ इंडिया के नेतृत्व में बनी तीन सदस्यीय पीठ कर रही है। इसमें सीजेआई एनवी रमना के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें दिल्ली सरकार के दफ्तरों और स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई इसलिए भी खास है क्योंकि दिल्ली सरकार के उठाए कदमों के बावजूद वायु प्रदूषण में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। बता दें कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दिवाली के बाद से ही वायु प्रदूषण का स्तर बेतहाशा बढ़ा है। सोमवार सुबह को ही दिल्ली से लगते यूपी के लोनी इलाके में एक्यूआई का स्तर 999 रिकार्ड किया गया है।
पिछले दिनों ही दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल के वरिष्ठ डाक्टर ने लोगों को आगाह किया था कि वो गैर जरूरी चीजों के लिए घर से बाहर न निकलें। उन्होंने ये भी कहा था कि वायु प्रदूषण इस कदर बढ़ा हुआ है कि इसमें कोरोना का वायरस भी अधिक समय के लिए बना रह सकता है। इसके अलावा उन्होंने ऐसे मौसम में कोरोना से पीडि़त हो चुके लोगों और अस्थमा से पीडि़त लोगों को सावधान रहने की भी हिदायत दी थी।