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श्रीनगर, जेएनएन। सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में एक बड़े आत्मघाती हमले की साजिश को नाकाम बनाते हुए दो आतंकियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान आतंकियों का एक मददगार आतंकियों की ही गोली की चपेट मेें आकर मारा गया। मरने वालों में एक त्राल का 11 दिन पुराना आतंकी समीर अहमद तांत्रे और दूसरा जम्मू संभाग में बनिहाल का रहने वाला आमिर है।
पिछले 24 घंटों के दौरान श्रीनगर शहर में यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले गत रविवार शाम को नवाकदल में आतंकी पुलिस दल पर अचानक हमला कर भाग गए। हमले में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया था। संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों के शहर में घुसने की सूचना पर सुरक्षा बढ़ाई गई थी। आतंकियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश भी दी जा रही थी। इसी दौरान शाम करीब पांच बजे खबर आई कि आतंकियों का एक दल हैदरपोरा के पास गलवनपोरा में श्रीनगर-बारामुला राजमार्ग पर निजी अस्पताल के पास देखा गया है।इसी अस्पताल के पास वाहनों का एक शोरूम भी है। छह बजे पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) ने सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर आतंकी ठिकाने की घेराबंदी शुरूकर दी। आतंकियों ने खुद को बचाने का प्रयास करते हुए दो से तीन लोगों को बंधक बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाबलों की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ से आतंकी अपने मंसूबे में नाकाम रहे। आतंकियों ने जवानों की आत्मसमर्पण की चेतावनी को ठुकराते हुए गोली चला दी, जवानों ने जवाबी फायर किया और अगले छह मिनट में एक आतंकी को मार गिराया। आतंकी एक सीमेंट व्यापारी अल्ताफ केपरिसर की ऊपरी मंजिल पर थे। सुरक्षबालों ने जिंदा बचे आतंकियों को सरेंडर के लिए बार-बार कहा, लेकिन वह रुक रुक कर गोली चलाते रहे। मुठभेड़ के चलते हाईवे पर और श्रीनगर एयरपोर्ट पर वाहनों की आवाजाही भी कुछ समय के लिए बंद रखी गई। रात करीब पौने आठ बजे दूसरा आतंकी भी मारा गया। इस दौरान आतंकियों का मददगार और उनका ओवरग्राउंड वर्कर अल्ताफ भी गोली लगने से जख्मी हो गया। उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि अल्ताफ एक सीमेंट कारोबारी था। वह मुठभेड़ के समय आतंकियों के साथ ही था।आतंकियों ने तथाकथित तौर पर उसे भी बंधक बनाने का प्रयास किया था। कुछ लोगों के मुताबिक, उसने खुद को फंसते देख, आतंकियों का बंधक होने का ड्रामा किया था, लेकिन आतंकियों ने खुद को फंसते देख उसे भी गोली मार दी। कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़स्थल से जो डिजिटल सुबूत मिले हैं, उनसे पता चलता है कि अल्ताफ डार आतंकियों का मददगार था। मारे गए दोनों आतंकी उसकी ही एक इमारत की ऊपरी मंजिल पर छिपे थे। वह आतंकियों द्वारा चलाई गई गोली से ही जख्मी हुआ था और बाद में उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़स्थल और उसके साथ सटी इमारतों की एहतियातन तलाशी ली जा रही है। पूरे इलाके की घेराबंदी जारी रखी गई है। मारे गए दोनों आतंकियों और उनके सहयोगी के शवों को बरामद कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद उन्हें निर्धारित नियमों के तहत दफनाया जाएगा। आतंकियों के शवों के पास से हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी मिला है।