(अभिषेक सोनी)

बलरामपुर: बलरामपुर जिले के बलंगी चौकी  थाना रघुनाथनगर क्षेत्रांतर्गत ग्राम तोरफा में 02 अक्टूबर को 10 वर्षीय बालक घर के बाहर से कहीं गुम हो गया था या। कुछ दिनों के बाद गुम बालक का शव सड़े-गले हालत में मोरन नदी के किनारे धवघटवा जंगल में मिला था।यह हृदयविदारक घटना फिरौती के लालच में की गई थी, जिसमें मुख्य आरोपी रविपाल (19) और एक नाबालिग बालक शामिल थे। पुलिस ने नाबालिक सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक बलरामपुर बैंकर वैभव रमनलाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि घटना के समस्त तथ्यों की जानकारी प्राप्त कर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, वाड्रफनगर की अध्यक्षता में थाना प्रभारी रघुनाथनगर, चौकी प्रभारी बलंगी एवं अन्य पुलिस स्टॉफ की संयुक्त टीम गठित कर प्रकरण की विवेचना में लगाया गया था।अज्ञात आरोपियों की पतासाजी एवं गिरफ्तारी हेतु फोरेंसिक टीम तथा डॉग स्क्वाड की टीम को घटनास्थल पर बुलाकर साक्ष्यों को एकत्रित कर आरोपियों की पतासाजी हेतु पुलिस टीम को लगाया गया था। पुलिस टीम द्वारा फॉरेंसिक एक्सपर्ट की सहायता से घटनास्थल का निरीक्षण कर परिजनों तथा अन्य गवाहों का कथन लिया गया।

संदेह के आधार पर आरोपी रविपाल(19वर्ष )से पूछताछ किया गया। पूछताछ के दौरान वह लगातार अपना बयान बदलते हुये पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर रहा था, जिससे उस पर संदेह पुख्ता होने पर रविपाल तथा एक अन्य अपचारी बालक से कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया कि, घटना दिनांक 02 सितंबर को शाम करीब 4:00 बजे जब मृतक गुम बालक के घर में कोई नहीं था तब अपचारी बालक द्वारा उसे खेलने के बहाने से बुलाकर नदी किनारे जंगल तरफ ले आया जहां रविपाल ने फिरौती मांगने के उद्देश्य से उसे जबरन जंगल के अंदर ले जाना चाहा जिसका मृतक बालक द्वारा प्रतिरोध करने से रविपाल द्वारा उसके गर्दन को दबाकर हत्या करने की कोशिश की किन्तु जान नहीं निकलने पर उसके पहने शर्ट का फंदा बनाकर उसके गले में डालकर उसका गला घोंटकर हत्या कर दिया, जिसमें विधि अपचारी ने भी उसकी सहायता की।
पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि मृतक बालक के पिता कुछ दिन पूर्व मोटरसायकल लेने की बात बोल रहे थे जिस पर आरोपियों को उसके पिता के पास नगदी रकम होने की जानकारी होने पर गुम बालक का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनाये थे किन्तु हत्या होने तथा गांव में लगातार खोजबीन होने से तथा पुलिस का दबाव देखकर फिरौती मांगने का साहस नहीं जुटा पाये। विवेचना दौरान आरोपी के कथन तथा परिस्थिति जनक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।

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