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नई दिल्ली, एजेंसी। मर्सिडीज़ बेंज़ 300 एसएलआर (Mercedes-Benz 300 SLR) की रिकॉर्ड कीमत पर नीलामी हुई है। इस नीलामी ने फेरारी 250 GTO (Ferrari 250 GTO) के नीलामी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जिसे 70 मिलियन डॉलर (542 रुपये) में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया था। यूके बेस्ड वेबसाइट Hagerty के मुताबिक जर्मन कार मेकर कंपनी मर्सिडीज़ बेंज़ 300 एसएलआर (Mercedes-Benz 300 SLR) रेसिंग कार को 142 मिलियन डॉलर (11,000 करोड़ रुपये) में बेचा गया है। अब यह रिकॉर्ड मर्सिडीज-बेंज 300 SLR उहलेनहॉट कूप (Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe) के नाम हो गया है, जिसे 143 मिलियन डॉलर में बेचा गया है। नीलामी घर के अनुसार यह नीलामी 5 मई को जर्मनी के स्टटगार्ट में मर्सिडीज-बेंज संग्रहालय में हुई थी।
इस गाड़ी ने ली थी 84 लोगों की जान
कंपनी ने कार के इन दो हार्डटॉप वेरिएंट का उत्पादन 1955 में रेस छोड़ने के बाद किया था। इसमें 3.0-लीटर का इंजन हैं, जिनकी क्षमता 302 PS की है। इस रेसिंग कार को रेसिंग ट्रैक पर उतारा गया, ऐसी ही एक रेसिंग में 83 लोगों की मौत हो गई थी। साल 1954 में इस कार ने 12 रेसों में से 9 जीत कर रेस जीती हैं। साल 1955 ले मैन्स (Le Mans) रेस की दुर्घटना में कार से चालक पियरे लेवेघ और 83 दर्शकों की मौत हो गई थी।
इस वजह से गाड़ी है खास
अगर रिपोर्ट कंफर्म है, तो इसका मतलब यह होगा कि यह दुनिया की पहली सबसे महंगी कार होगी। बता दें कि Ferrari 250 GTOs को 70 मिलियन डॉलर (542 करोड़ रुपये) में बेचा गया था। इस कीमत में करीब 20 कार को खरीदा जा सकेगा। मर्सिडीज-बेंज 300 SLR के केवल दो मॉडल 1950 के दशक में बनाए गए थे, जिसके बाद मर्सिडीज ने 1955 में इस रेसिंग को बंद कर दिया था। हेगर्टी के अनुसार, माना जाता है कि मर्सिडीज-बेंज की ओर से एक गुप्त नीलामी हुई थी। इस नीलामी में 10 दिग्गज कंपनियों ने हिस्सा लिया था। नीलामी प्रक्रिया में जर्मन कार निर्माता ने कठोर नियम लगाए थे।आपको जानकारी के लिए बता दें, यह गाड़ी पिछले रिकॉर्ड के लगभग तिगुने में बिका, जहां 2018 में 1962 फेरारी 250 जीटीओ की नीलामी 48 मिलियन डॉलर में की गई थी।