
बलरामपुर: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो रहा है। योजना के तहत जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा देकर उनके जीवन को बेहतर बनाया जा रहा है।कलेक्टर राजेंद्र कटारा के निर्देशन और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले के दूरस्थ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों तक भी यह सुविधा पहुंचाई जा रही है, जिससे वे महंगी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर हुए बिना निशुल्क उपचार प्राप्त कर पा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 109 बच्चों को राज्य के उच्च स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया गया है। इनमें 74 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित,8 बच्चे जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रसित,8 बच्चे जन्मजात बहिरता (सुनने की समस्या) से प्रभावित, 9 बच्चे जन्मजात विकृति (शारीरिक असमानता) से पीड़ित, 10 बच्चे कटे होंठ व कटे तालू की समस्या से ग्रसित थे। जिनका का सफल उपचार कर उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया है। जिले के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। पहले जहां गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बच्चों को बड़े शहरों तक ले जाना पड़ता था, अब यह सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध कराई जा रही है। यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नवजात से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर आवश्यकतानुसार निरूशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाती है। वर्तमान में जिले में 14 आरबीएसके दल और 6 विकासखंडों में टीमें सक्रिय हैं, जो स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग कर रही हैं और जरूरतमंद बच्चों को चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार उपलब्ध करा रही हैं।



















