रायपुर: बाबा अमरनाथ की यात्रा पर निकले छत्तीसगढ़ के 11 श्रद्धालु वहां रास्ते में ही फंस गए हैं। ऐसा भारी बरसात और भूस्खलन के चलते हुआ है। 3 यात्रियों की तबीयत भी बिगड़ गई है। अब वहां फंसे यात्रियों ने मदद की गुहार लगाई है। जिसके बाद उन्हें मदद भी पहुंची है।

बताया जा रहा है कि इन यात्रियों में कोरबा के 9 लोग शामिल थे, वहीं 2 लोग प्रदेश के दूसरे स्थानों के रहने वाले हैं। इन यात्रियों का जत्था कुछ समय पहले ही इस यात्रा के लिए निकला था। मगर पिछले दिनों श्रीनगर दलगेट रोड पर हुए भारी बरसात और भूस्खलन के कारण फंस गया है। उन्हीं लोगों में से कोरबा के रजगामार निवासी ऋषभ यादव भी शामिल हैं। ऋषभ ने ही वार्ड नंबर-04 के पार्षद सुरेंद्र प्रताप जायसवाल से मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद इन लोगों के फंसे होने की जानकारी सामने आ सकी है।

ऋषभ यादव ने बताया कि हमारे तीन साथी भूस्खलन की चपेट में आ गए थे। जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार जारी है। ऋषभ ने बताया कि उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब उनके साथियों की तबीयत खराब है तो उन लोगों को वहां अधिक समय तक रुकना पड़ रहा है। ऐसे में उनके पास पैसों की भी समस्या हो गई है।



ऋषभ यादव ने बताया कि हमने तो अब ये विचार बना लिया था कि अब हम आधे रास्ते से ही लौट जाएंगे, इसलिए हमने वापस कोरबा आने का टिकट भी बनवा लिया था। मगर बाकी के लोगों की तबीयत खराब होने के कारण हम जम्मू तवी रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंच सके। इससे हमारे टिकट के पैसे भी बर्बाद हो गए। उन्होंने अपनी आप बीती सुरेंद्र प्रताप जायसवाल से बताई थी। जिसके बाद सुरेंद्र प्रताप ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से बात की। इसके बाद मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इनकी मदद की है।

मंत्री ने इन श्रद्धालुओं से वीडियो कॉल पर बातचीत करके हाल-चाल जाना है। इसके अलावा उन्होंने तुरंत 20 हजार रुपए की मदद की है। राजस्व मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही फंसे हुए श्रद्धालुओं की वापसी होगी।


इस बार 30 जून से यह यात्रा शुरू हुई है। इस साल जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त (रक्षाबंधन) तक रहेगी। बाबा अमरनाथ की गुफा का इतिहास हजारों साल पुराना है। गुफा के अंदिर बर्फीले पानी की बूंदें लगातार टपकती रहती हैं, इन्हीं बूंदों से लगभग 10-12 फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग बन जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी गुफा में शिव जी ने देवी पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था।

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