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बलरामपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर 14 प्रतिशत लंबित मंहगाई भत्ता का आदेश जारी करने की मांग की है।वही राजपुर ब्लाॅक उपाध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि महंगाई के इस दौर में राहत देने दीपावली त्योहार के पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार को तुरंत अपने कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता जारी करना चाहिए।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन बलरामपुर के जिला अध्यक्ष पवन सिंह ,महिला मोर्चा अध्यक्ष सुफला टोप्पो,जिला उपाध्यक्ष मणि प्रसाद यादव,ब्लाॅक अध्यक्ष गण श्याम गुप्ता, युधन प्रसाद जायसवाल, विश्वंभर दास, उपेंद्र सिंह ओरकरा, परमेश्वर मिश्रा, विशाल दत्त चौबे, जिला सचिव संतोष गुप्ता, जिला कोषाध्यक्ष विनय गुप्ता, जिला मीडिया प्रभारी विनोद कुर्रे, अमित सोनी,सहित ब्लाॅक और जिले के समस्त पदाधिकरियों ने एक स्वर मे कहा है कि 01 जुलाई 2019 से लंबित 5 % मंहगाई भत्ता मिलने से अब 17 प्रतिशत मंहगाई भत्ता जुलाई 2021 से प्राप्त हो रहा है।
प्रदेश सह सचिव ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2021 से 3 % मंहगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जुलाई 2021 से कुल 31 % मंहगाई भत्ता प्राप्त होगा। केंद्र सरकार द्वारा कुल 31 % की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ के कर्मचारी लगातार पिछड़ते जा रहे है। 14 % का अंतर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए असहनीय होता जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 से लंबित 4% मंहगाई भत्ता, जुलाई 2020 से लंबित 3% मंहगाई भत्ता व जनवरी 2021 से लंबित 4% मंहगाई भत्ता एवं जुलाई 2021 से 3 % मंहगाई भत्ता को मिलाकर कुल लंबित 14 % मंहगाई भत्ता का आदेश शीघ्र जारी किया जावे। छत्तीगढ़ टीचर्स एसोशिएशन् के प्रदेश संयुक्त सचिव व् राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक राजेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि कर्मचारियो के लिए महंगाई से राहत पाने का एक ही साधन होता है, महंगाई भत्ता,,वर्तमान में महंगाई चरम की ओर है किंतु कर्मचारियो का महंगाई भत्ता 2 वर्ष से लंबित है, ऐसे में महंगाई की मार छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों पर भारी है। ब्लाॅक उपाध्यक्ष राजपुर विनोद यादव ने कहा कि महंगाई के इस दौर में राहत देने दीपावली त्योहार के पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार को तुरंत अपने कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता जारी करना चाहिए, छत्तीसगढ़ व केंद्र के कर्मचारियों के बीच महंगाई भत्ता का फासला बढ़कर 14 % तक पहुँच गया है, इससे छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मासिक 4 हजार से 16 हजार रुपये कम वेतन मिल रहा है।