अंबिकापुर: सरगुजा जिले के गांधीनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने घर के बाहर ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल फेंककर क्षति पहुंचाने के आरोप में 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। यह घटना 22 दिसंबर 2024 की रात की है, जब व्यापारी संजीत कुमार के घर के सामने तेज धमाके के साथ आग लगने की घटना हुई थी। पुलिस ने आरोपी युवकों की पहचान की और घटना में प्रयुक्त वाहन और मोबाइल को बरामद कर लिया। पुलिस टीम ने घटना की सख्त जांच करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया।

जानकारी के अनुसार 23 दिसंबर  संजीत कुमार, निवासी चठिरमा, ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 22 दिसंबर की रात अज्ञात व्यक्तियों ने उनके घर के बाहर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। रिपोर्ट के अनुसार, तेज धमाके की आवाज सुनकर प्रार्थी बाहर आया तो देखा कि घर के कांच के ग्रिल का शीशा टूटा हुआ था और सोफे के कवर में आग लगी थी। घटनास्थल पर पेट्रोल की गंध के साथ एक छोटा कांच का बोतल मिला। सीसीटीवी फुटेज में दो अज्ञात युवक सफेद रंग की स्विफ्ट कार से आते दिखे, जिन्होंने कुछ जलता हुआ फेंका और फिर अम्बिकापुर की ओर भाग गए।  जिसके शिकायत पर थाना गांधीनगर में बी.एन.एस. के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई।  पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के निर्देश पर गठित टीम ने तेजी से जांच करते हुए घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के दौरान वहां से कांच की शराब की बोतल, कपड़े का पलीता और अल्प मात्रा में पेट्रोल बरामद हुआ। तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई।

इस मामले में जांच के आधार पर पुलिस ने 5 आरोपियों को हिरासत में लिया, जिनमें दो विधि से संघर्षरत बालक शामिल थे। पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार किया।
1. उदय भान सिंह (18 वर्ष), निवासी भिट्ठी कला। 2.सुधांशु राय उर्फ चिनु (18 वर्ष), निवासी शिवधारी कॉलोनी।  3. रौनक भारद्वाज (18 वर्ष), निवासी नवापारा चर्च ग्राउंड। दो नाबालिग  बालक शामिल रहे।आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार (सीजी/15/डीपी/3312) और मोबाइल बरामद किए गए। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।

इस मामले में गांधीनगर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख, उपनिरीक्षक रश्मि सिंह, नवल किशोर दुबे, साइबर सेल प्रभारी सी.पी. तिवारी, और विशेष टीम प्रभारी विवेक पांडेय के साथ अन्य कर्मियों ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

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