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देहरादून, एजेंसी। यदि आप उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर निकल रहे हैं, तो यात्रा प्रारंभ करने से पहले ही आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यात्रा पर आने से पहले अपने स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करा लें। इतना ही नहीं, गर्म कपड़े, जरूरी दवाएं व चिकित्सक का पर्चा साथ रखना न भूलें।
उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण चार धाम यात्रा मार्गों पर हृदय रोग से सर्वाधिक मौत होती हैं। इस साल भी यह सिलसिला थमा नहीं है और अब तक चारों धाम में कुल 20 लोगों की मौत हुई है। इनमें से एक यात्री खाई में गिरने से मरा है।
यमुनोत्री में 11 और गंगोत्री में तीन श्रद्धालुओं की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। वहीं केदारनाथ में अब तक छह लोगों की मौत हो गई है। जिसमें एक यात्री खाई में गिरने से मरा है। ऐसे में जरूरी है कि चारधाम यात्रा पर (खासकर केदारनाथ और यमुनोत्री) आने वाले श्रद्धालु अपनी सेहत, खासतौर पर दिल का ख्याल रखें, ताकि यात्रा बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सके।
ये मानी जा रही वजह
– अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों, खासकर केदारनाथ में आक्सीजन की कमी और लगातार चढ़ाई में रक्तचाप अनियमित होने के कारण लोग को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में हृदय रोगियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
– ज्यादातर राज्यों में इनदिनों अत्याधिक गर्मी है, जबकि हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धाम यात्रा मार्गों पर ठंड है। यहां अचानक बारिश व बर्फबारी होने की भी संभावना हमेशा बनी रहती है। मौसम में अचानक होने वाले इस बदलाव से यात्रियों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
– यमुनोत्री और केदारनाथ के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है। साथ ही रास्ता काफी चढ़ाई वाला भी है। जिसमें ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को परेशानी होती है। एकदम गर्म क्षेत्र से ठंडे क्षेत्र में आना और ऊंचाई व पैदल चढ़ाई कई बार यात्रियों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती हैैं।
इन बातों का रखें ख्याल
– यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराएं। उसी अनुसार यात्रा प्लान करें।
– 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के यात्री विभिन्न पड़ावों पर स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराएं।
– हृदयरोग, श्वास रोग, मधुमेह, हाई एल्टीटयूट संबंधी रोगी विशेष सावधानी बरतें।
– अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा व दवाएं साथ रखें।
– चारधाम यात्रा में गर्म कपड़े साथ लाएं। दवाओं की इमरजेंसी किट साथ रखें।
– चढ़ाई चढऩे में दिक्कत आ रही हो तो जबरन आगे बढऩे की कोशिश न करें। बेहतर होगा यात्रा स्थगित कर दें।
– शुगर, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर आदि की शिकायत वाले यात्री दवाएं साथ ले जाना न भूलें।
– न तो खाली पेट यात्रा करें, न तला हुआ भोजन ही लें। सामान्य भोजन ग्रहण करें।
– लगातार पैदल चलने से शरीर में पानी की कमी होने की आशंका रहती है। पर्याप्त मात्रा में पानी लेते रहें।
इस स्थिति में तत्काल चिकित्सक की सेवा लें
– सांस फूलने या छाती में दर्द होने पर।
– दिल की धड़कन तेज होने पर।
– बेहोशी या चक्कर आने पर।
– मितली या उल्टी आने पर।
– सिरदर्द व घबराहट होने पर।
– हाथ पांव व होंठ नीले पडऩे पर।
चिकित्सकों की राय
चार धाम यात्रा रूट के अधिक ऊंचाई पर होने के कारण विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों की तबीयत बिगडऩे की आशंका रहती है। हृदय रोगियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा, यात्रियों को सबसे पहले डाक्टर से अपना चिकित्सकीय परीक्षण करवाना चाहिए। बल्कि अमरनाथ यात्रा की ही तरह यहां भी मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होना चाहिए। खासकर कोमर्बिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित लोग) और 60 साल से अधिक के लोग के लिए।
– डा. योगेंद्र सिंह, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट
कई दफा व्यक्ति को यह आभास भी नहीं होता कि उसे हृदय संबंधी तकलीफ है। अत्याधिक धूमपान करने वाले, ज्यादा वजन वाले, ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीज और किसी के परिवार में कोई हृदय रोग से पीडि़त रहा है तो वह जांच अवश्य करा लें। यात्रा पर निकलने से पहले व्यक्ति की ब्लक प्रेशर, शुगर, कालेस्ट्रोल व टीएमटी जांच आदि करानी ही चाहिए। यदि तकलीफ है तो यात्रा पर नहीं जाना चाहिए।
– डा. चेतन शर्मा, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट
चारधाम मार्ग पर तैनात हुई एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस
चारधाम यात्रा मार्ग पर आठ एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं। ये 108 एंबुलेंस सेवा के अंतर्गत कार्य करेंगी। इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग पर बने स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य अधिकारी, फिजिशियन, आर्थोपेडिशियन, फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग पर बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब व तुंगनाथ आने वाले यात्रियों के लिए तीन एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस और 13 आपातकालीन 108 सेवा एंबुलेंस तैनात की गई हैं।