चेन्नई. तमिलनाडु के विल्लुपुरुम और चेंगलपट्टु जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से मरनेवालों की संख्या मंगलवार को 20 तक पहुंच गई. पुलिस ने कहा कि विल्लुपुरम में 13 और चेंगलपट्टु में 7 लोगों की मौत हुई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में अमरान नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उसके कब्जे से जब्त जहरीली शराब में मेथेनॉल की मौजूदगी का पता लगाने के लिए उसे लैब भेजा गया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद करीब 55 लोगों का दोनों जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.

रविवार को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मरने वालों के परिवारों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये देने के साथ ही अस्पताल में भर्ती सभी व्यक्ति को 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. सीएम स्टालिन ने संबंधित अधिकारियों को इस घटना की वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों को विशेष उपचार देने का भी निर्देश दिया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अवैध शराब और नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है.

इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को कहा कि राज्य के इक्कियारकुप्पम और पेरूनकरनाई गांवों में हुई घटना जहरीली शराब पीने की वजह से नहीं, बल्कि मेथनॉल के सेवन के कारण हुई थी. पुलिस के मुताबिक, अवैध शराब बनाने वालों ने यह घातक मिश्रण बनाया था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी एस बाबू ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विभिन्न व्यक्तियों ने पुडुचेरी के एक शख्स से कार्बनिक रसायन प्राप्त किया था. इस हल्के, उड़नशील और ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. मेथनॉल में शराब की गंध होती है.

विज्ञप्ति के मुताबिक, पुलिस ने अवैध शराब के निर्माण को रोकने के लिए प्रभावी उपाए किए हैं और उनकी आपूर्ति को रोकने लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं जिससे अवैध शराब उपलब्ध नहीं है. उसमें कहा गया है कि ‘कुछ लोगों ने औद्योगिक इकाइयों से रसायन पदार्थ को चुरा कर इसे बेचना शुरू कर दिया जिससे यह हादसा हुआ.’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि किस औद्योगिक इकाई से यह मेथनॉल चुराया गया था. साथ में इस गतिविधि में शामिल लोगों के बीच सांठगांठ की भी जांच की जा रही है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि विल्लुपुरम जिले में इक्कियारकुप्पम गांव और चेंगलपेट्टू जिले में पुरूनकरनाई गांव से स्पिरिट के नमूने जब्त कर विश्लेषण के लिए भेजे गए थे और रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मेथनॉल है न कि जहरीली शराब, जिससे लोगों की मौत हुई. उसमें बताया गया है कि स्पिरिट बेचने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि विल्लुपुरम जिले में इक्कियारकुप्पम गांव और चेंगलपेट्टू जिले में पुरूनकरनाई गांव से स्पिरिट के नमूने जब्त कर विश्लेषण के लिए भेजे गए थे और रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मेथनॉल है न कि जहरीली शराब, जिससे लोगों की मौत हुई. उसमें बताया गया है कि स्पिरिट बेचने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तमिलनाडु के विल्लुपुरुम और चेंगलपट्टु जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार और पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है. आयोग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि जाहिर है कि राज्य सरकार अवैध या नकली शराब की बिक्री और खपत पर रोक लगाने में विफल रही है. एनएचआरसी ने मीडिया में आई इन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है कि 12 मई से तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टु जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं

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