ग्रेटर नोएडा। जिले में इन दिनों लगातार फर्जी कॉल सेंटर की धर पकड़ चल रही है। आरोपितों को तो पुलिस गिरफ्तार करती है, लेकिन उनको तुरंत न्यायालय से जमानत मिल जाती है और ऐसे मामलों में सजा भी नहीं हो पाती है।

पिछले पांच साल के दौरान 260 फर्जी कॉल सेंटर पकड़े गए, लेकिन किसी भी मामले में आरोपितों को सजा नहीं हो पाई है। जांच के दौरान यह बात पता चली है कि फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपित अमेरिका, कनाडा सहित कई अन्य देश के विदेशी लोगों को इस वजह से ठगी का शिकार बनाते हैं ताकि उनके खिलाफ जब भारत में मुकदमा चले तो कोई भी गवाह उनके खिलाफ गवाही न दे सके।

ऐसे में गवाही न होने के चलते न्यायालय में मुकदमा नहीं टिकेगा और आरोपितो को तुरंत राहत मिल जाती है। यह बात पता चलने के बाद से जांच एजेंसियां बेहद सकते में है कि आखिर फर्जी कॉल सेंटर पर शिकंजा कैसे कसा जाएं। एक तरफ फर्जी कॉल सेंटर के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, वही दूसरी तरफ कॉल सेंटर चलने का सिलसिला भी लगातार जारी होगी।

सूत्रों ने दावा किया है कि अभी भी जिले में 100 से अधिक फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहे है। इनका मुख्य गढ़ ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सेक्टर 63, 58, फेज एक क्षेत्र है।दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एसटीएफ ने जो कॉल सेंटर पकड़ा, उससे संबंधित शिकायत ईमेल पर मिली। उसी शिकायत के आधार पर कार्रवाई हुई। पीड़ित से जब संपर्क कर भारत आकर अपने बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया तो उसने अभी असमर्थता जाहिर की है।

उसका कहना है कि उसको भारत आने में समय लग सकता है। ऐसे में पुलिस ने तो कार्रवाई कर दी, लेकिन न्यायालय में इस ईमेल का टिकना न के बराबर है। जांच टीम के लिए न्यायालय के सामने यह साबित करना बेहद कठिन होगा कि जिस ईमेल से मेल किया गया है असल पीड़ित वही है और उसके साथ आरोपितों ने ठगी की थी।

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