नई दिल्ली। लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में राज्य पुलिस बलों के साथ-साथ 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को तैनात किया जाएगा। बंगाल में सीएपीएफ के 92,000 कर्मियों को तैनात किया जा सकता है।

आतंकवाद प्रभावित जम्मू और कश्मीर में 63,500 कर्मियों को तैनात किया जाएगा। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में 36,000 जवान तैनात किए जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं।

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे। बंगाल में चरणबद्ध तरीके से सीएपीएफ की अधिकतम 920 कंपनियां तैनात की जा सकती है। जम्मू-कश्मीर में 635 कंपनियां, छत्तीसगढ़ में 360 कंपनियां, बिहार में 295 कंपनियां, उत्तर प्रदेश में 252 कंपनियां और आंध्र प्रदेश, झारखंड और पंजाब तीनों राज्यों में 250- 250 कंपनियां तैनात की जाएंगी।वहीं, गुजरात, मणिपुर, राजस्थान और तमिलनाडु में प्रत्येक में 200- 200 कंपनियां, ओडिशा में 175 कंपनियां, असम और तेलंगाना में 160 कंपनियां, महाराष्ट्र में 150, मध्य प्रदेश में 113 कंपनियां , त्रिपुरा में 100 कंपनियां तैनात की जाएंगी।जिन बलों को बंगाल, वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा, वे पहले ही अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच चुके हैं।

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शामिल हैं। सभी सीएपीएफ की संयुक्त ताकत लगभग 10 लाख है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!