भाजपा से उदेश्वरी पैकरा, रामलखन सिंह पैकरा सहित पांच लोंगो ने किया चुनाव टिकट का प्रबल दावेदारी
बलरामपुर: बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से चुनाव लड़ने कांग्रेस नेताओं होड़ मची हुई है। संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज सहित 35 नेताओं ने चुनाव टिकट का दावा किया है।
सामरी विधानसभा सीट से वर्तमान में संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज विधायक हैं। इस सीट पर 35 लोगों ने चुनाव लड़ने का दावा किया है। इनमें पूर्व विधायक महेश्वर पैकरा, डोमनिक एक्का, विजय पैकरा, झमरू राम पैकरा, लालसाय मिंज, दिनेश कुजूर, प्रभात बेला मरकाम, डॉ शिवमंगल सिंह, संतोष इंजीनियरिंग, कृष्णा नाग, मनपतिया सिंह, राजेन्द्र भगत, सुनील लकड़ा, दयासागर सिंह आदि ने चुनाव टिकट का दावा किया है।
भाजपा से उदेश्वरी पैकरा, रामलखन सिंह पैकरा सहित पांच लोंगो ने किया चुनाव टिकट का प्रबल दावेदारी
सामरी विधानसभा से भाजपा से उदेश्वरी पैंकरा, रामलखन सिंह पैकरा, सिद्धनाथ पैकरा, दिनेश पैकरा, कमला प्रसाद सिंह ने सामरी विधानसभा से चुनाव टिकट का प्रबल दावेदारी किया है। संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा को भाजपा से चार बार टिकट मिला था। दो बार हार का सामना करना पड़ा था। वही खुद और इनकी पत्नी उदेश्वरी पैकरा टिकट का दावा किया है। वही सामरी विधानसभा में मतदाता नए चेहरे की मांग कर रहे है।
आपको बता दे छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर दो चरण में मतदान हुआ था। पहले चरण के लिए 12 नवंबर (18 सीटें), दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर (72 सीटों) पर मतदान हुआ। 2018 में राज्य में कुल 74.17 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतगणना में राज्य में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौट थी। छत्तीसगढ़ के सामरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के चिंतामणि महाराज ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा और बसपा से मिताकू खाखा को आसान मुकाबले में हरा दिया था। कांग्रेस 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के इस गढ़ में सेंधमारी करने में कामयाब रही थी।
तीन दशक के बाद कांग्रेस ने हासिल की थी जीत
आदिवासी बहुल सामरी विधानसभा सीट पर 1980 के बाद बीजेपी महज दो बार हारी थी। पहली बार 1984 में और उसके बाद 2013 में, बीते चुनाव में इस सीट से कांग्रेस, बीजेपी और बसपा सहित कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे। इन चुनावों में कांग्रेस के डॉ. प्रीतम राम ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा को करारी मात दी थी, बसपा उम्मीदवार यहां चौथे नंबर पर रहा था, आश्चर्यजनक रूप से नोटा को यहां तीसरा स्थान मिला था।
कांग्रेस ने बीजेपी को 31 हजार 825 मतों से दी थी मात
सामरी सीट पर 2013 में कुल 1 लाख 86 हजार 219 मतदाता थे। इनमें से 1 लाख 55 हजार 189 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इस तरह से यहां 83.39 फीसदी वोटिंग हुई थी। कांग्रेस प्रत्याशी को 82 हजार 585 वोट मिले थे, जो की कुल वोटों का 53 फीसदी था। जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 50 हजार 762 वोट मिले थे यानी कुल 33 फीसदी वोट मिले थे। बसपा को महज 2.11 फीसदी वोट मिले थे। इस तरह से कांग्रेस उम्मीदवार ने बीजेपी प्रत्याशी को 31 हजार 825 मतों से मात देकर जीत हासिल की थी।
2003 और 2008 में सिद्धनाथ पैकरा बने थे बीजेपी के विधायक
हालांकि 2013 से पहले ये सीट छत्तीसगढ़ में बीजेपी की मजबूत सीटों में गिनी जाती थी। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सिद्धनाथ पैकरा ने कांग्रेस के महेश्वर पैकरा को करीब 13 हजार मतों से मात दी थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी सिद्धनाथ पैकरा ने कांग्रेस के चिंतामणि महाराज को 30 हजार मतों से मात दी थी।
सामरी विधानसभा सीट पर कौन तय करता है जीत और हार
सामरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यहां करीब 65-70 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के लोग अधिक हैं। यहां पहाड़ी कोरवा, कोड़ा, कोरिया पंडो, उरांव, नगेसिया, भुईहर जनजाति के लोग रहते हैं। यहां करीब 25-30 फीसद आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है। इस सीट पर कंवर जनजाति के उम्मीदवारों पर ही कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों का फोकस रहता है। कंवर जनजाति के उम्मीदवार ही यहां से जीत हासिल करते रहे हैं। साल 2003 और 2008 में यहां से भाजपा के टिकट पर सिद्धनाथ पैकरा चुनाव जीतकर विधायक बने थे। साल 2013 में कांग्रेस से डॉक्टर प्रीतम राम ने जीत हासिल की थी वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज विधायक बने।