सुरजपुर: ग्राम पचिरा के ग्रामीणों भवन निर्माण कार्य लगे बच्चों का सजगता से मुक्त कराया। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग को जानकारी दी, जिस पर संयुक्त टीम ने एक दिन में 5 बाल श्रमिकों को मुक्त करा कर बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया जहां से सभी बच्चों को उनके अभिभावकों को समझाईश दी गई। वहीं श्रम विभाग द्वारा नियोजको पर कार्यवाही की जा रही है।
सूरजपुर से सटे पचिरा और तिलसीवां मे भवन निर्माण के काम में बाल श्रमिकों को लगाया गया था। जिसकी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सी. एस. सिसोदिया एवं श्रम अधिकारी घनश्याम पाणीग्राही को दी गई तत्तपश्चात निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में कार्यस्थल पर रेस्क्यू किया गया। जहां छोटे-छोटे बच्चों से काम कराते पाया गया। जिसमे लांजीत ओड़गी के 13 वर्षिय 15 वर्षिय एवं 16 वर्षिय बालक काम कर रहे थे। वही दुसरे भवन निर्माण में लांची के 16 वर्षिय बालक एवं 17 वर्षिय बालक काम करते पाये गयें। जिन्हें संयुक्त टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया। साथ ही मौके पर श्रम कल्याण अधिकारी रमेश साहू ने प्रकरण बनाया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकार व चाईल्ड लाईन द्वारा बच्चों को बाल कल्याण समिति सूरजपुर में प्रस्तुत किया गया। बालको द्वारा किये गये कार्य का मजदूरी भी मौके पर दिलवाया गया। बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चांे को उनके अभिभावकों को समझाईश देकर सुपूर्द किया गया। उन्हें समझाया गया कि सभी बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने वाले हैं उन्हें अच्छे से पढाये- लिखाये, अभी अनकी उम्र श्रम करने की नहीं है। बाल श्रम अपराध है। अभिभावकों ने बाल कल्याण समिति के समक्ष वचन दिया कि अपने बच्चों को अच्छे से पढायेंगे।
रेस्क्यू टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, श्रम कल्याण अधिकारी रमेश साहू, हेड कॉस्टेबल मुरेश यादव, सोनू प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से गीता गिरी, रमेश साहू, गोविन्दा साहू, शोभनाथ राजवाड़े उपस्थित थे।