रायपुर: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने रायपुर के नवीन विश्राम गृह में आयोजित मतगणना प्रेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मतगणना प्रेक्षक (काउंटिंग ऑब्जर्वर) की भूमिका मतगणना के दौरान अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। मतगणना संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया का अंतिम पड़ाव है। इसलिए सभी की नजर मतगणना की प्रक्रिया पर केंद्रित होती है। ऐसे में मतगणना प्रेक्षक की भूमिका सबसे अहम हो जाती है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने मतगणना प्रेक्षकों के प्रशिक्षण में कहा कि मतगणना के दौरान मतगणना प्रेक्षक की भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को मतगणना के सभी पहलुओं की बारीक जानकारी होनी चाहिए। मतगणना केंद्र पर पारदर्शी ढंग से मतगणना की प्रक्रिया पूर्ण हो, इसके लिए मतगणना प्रेक्षक को निष्पक्ष और सभी प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी से परिपूर्ण होना चाहिए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के अंतर्गत आगामी 4 जून को होने वाली मतगणना के लिए छत्तीसगढ़ के 56 अधिकारियों को देश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना प्रेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 20 और राज्य प्रशासनिक सेवा के 36 अधिकारी शामिल हैं।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर यू.एस. अग्रवाल, श्री विनय अग्रवाल और रुपेश कुमार वर्मा ने मतगणना स्थल पर प्रेक्षक की भूमिका, ईटीपीबीएस एवं डाक मतपत्रों की गणना एवं ईवीएम से मतगणना संबंधी सभी बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर्स ने मतगणना हॉल में कितने टेबल लगाए जाने हैं, टेबल किस प्रकार लगाए जाने हैं, प्रत्याशी, उनके अधिकृत प्रतिनिधि और मतगणना अभिकर्ता कितने होंगे तथा किन स्थानों पर बैठेंगे, वीवीपैट की गणना के लिए कौन सा टेबल निर्धारित किया जाए, डाक मतपत्रों की गणना कहाँ हो, कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी साझा की। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त राज्य के अधिकारियों के व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण स्थल पर मास्टर ट्रेनर रुपेश कुमार वर्मा ने प्रायोगिक तौर पर ईवीएम का संचालन भी अधिकारियों के समक्ष किया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।