कोरबा। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) अपने कौशल विकास केंद्र ‘वेदांता स्किल स्कूल’ के माध्यम से स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वित्तीय वर्ष 2022 में कोरबा, कवर्धा और मैनपाट प्रशिक्षण केंद्रों की मदद से छत्तीसगढ़ के लगभग 600 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। ये प्रशिक्षत युवा देश के अग्रणी कंपनियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वेदांता स्किल स्कूल स्थानीय युवाओं को व्यावसायिक रूप से कुशल बनाने के साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहा है।

वेदांता स्किल स्कूल प्रशिक्षण केंद्र में आतिथ्य उद्योग, वेल्डिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सोलर पीवी टेक्निशियन, इलेक्ट्रीशियन और फिटर के छह ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 45 से 65 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है और छत्तीसगढ़ के लगभग 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षिण दे रहा है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक
अभिजीत पति ने वेदांता स्किल स्कूल पर विचार साझा करते हुए कहा कि वेदांता समूह अपने तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल में सतत प्रगति के साथ ही सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने प्रचालन क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने में विश्वास रखता है। देश के उत्तरोत्तर विकास में प्रशिक्षित युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। कौशल विकास केंद्र के जरिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं प्रोजेक्ट कनेक्ट के जरिए जरूरतमंद विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। श्री पति ने कहा कि युवाओं के प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए बालको प्रतिबद्ध है।

होटल बेबीलोन इंटरनेशनल रायपुर के मानव संसाधन प्रबंधक संदीप कुमार राय ने बालको के कौशल विकास कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हमारे संगठन में नियोजित उम्मीदवारों ने अनुकरणीय पेशेवर कौशल प्रदर्शित किया है। बालको की ओर से प्रारंभ यह केंद्र युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास और संबल देता है और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने में सक्षम बनाता है।

पूर्व छात्रा संतोषी धुर्वे ने आभार जताते हुए कहा कि स्किल स्कूल ने उनके जीवन को नई दिशा दी है। आर्थिक रूप से परिवारजनों की मदद कर उन्हें गौरव की अनुभूति होती है। संस्थान ने आत्मनिर्भरता होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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