रायपुर: दुर्गा महाविद्यालय, रायपुर के मनोविज्ञान विभाग और एनसीसी एयर विंग के संयुक्त तत्वावधान में “जेंडर सेंसिटाइजेशन” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसी अवसर पर मनोविज्ञान परिषद का गठन भी किया गया। कार्यशाला में छात्रों ने जेंडर समानता और थर्ड जेंडर के अधिकारों पर चर्चा की। 

इस कार्यशाला के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. अग्रवाल ने थर्ड जेंडर के प्रति सोच को सकारात्मक बनाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान देने की आवश्यकता पर बल दिया। स्क्वाड्रन लीडर और वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार चौबे ने मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से इस विषय को समझाने का प्रयास किया। 

मितवा संकल्प समिति सरोना की  विद्या राजपूत, रवीना बरिहा, और  देव (थर्ड जेंडर) ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए। विद्या राजपूत ने छात्रों से आत्ममंथन करने का आग्रह करते हुए थर्ड जेंडर की समस्याओं और सामाजिक संघर्षों पर चर्चा की। श्री देव ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए, जिससे छात्रों में सहानुभूति और जागरूकता पैदा हुई।  डॉ. दीपाली शर्मा ने ऐतिहासिक संदर्भों के माध्यम से थर्ड जेंडर के समाज में योगदान को रेखांकित किया।  रवीना बरिहा ने इतिहास और पौराणिक कथाओं के उदाहरण देकर थर्ड जेंडर के महत्व पर जोर दिया।  वही मनोविज्ञान परिषद का गठन भी इस अवसर पर किया गया। अध्यक्ष शोएब अली, उपाध्यक्ष साक्षी सिन्हा, सचिव सना कुरैशी, और सह-सचिव यशवर्धन सिंह क्षत्रिय को पदभार सौंपा गया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शकुंतला दुल्हानी ने सभी पदाधिकारियों को नामित किया और उन्हें बैच व प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। 

इस कार्यक्रम का संचालन सना कुरैशी ने किया। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और एलुमनी ने कार्यशाला में भाग लिया। इस आयोजन ने जेंडर समानता और थर्ड जेंडर के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण संदेश दिया।

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