बलरामपुर: छत्तीसगढ़ का उत्तरी क्षेत्र में स्थित बलरामपुर-रामानुजगंज जिला अपनी समृद्ध संस्कृति और परम्परा के लिए जाना जाता है जो कि स्थानीय विरासत और परंपराओं को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण योगदान रखता है, यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। इसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष तातापानी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव के प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों एवं प्रदेश ख्याति प्राप्त कलाकारों ने पारंपरिक लोकगीत की शानदार प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ी गायिका गरिमा दिवाकर और स्वर्णा दिवाकर की जोड़ी ने समा बांधा। अपने सुरीली आवाज की जादू से दर्शकों का मनमोहते हुए और अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की प्रस्तुति दी। हरेली गीत हो या राउत नाचा के साथ दोहा ने श्रोताओं का मन मोह लिया। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ी त्योहारों पर होने वाले पारम्परिक गीतों को मधुर आवाज और अपने अंदाज में पेश कर श्रोताओं के दिल में अपनी जगह बनायी।ऐतिहासिक संक्रांति परब में लोक गीत प्रस्तुति ने अतिथियों का मन मोहा। इसके साथ ही जिले के विभिन्न स्थानों से आये स्थानीय कलाकारों ने अपने नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला व संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। इस दौरान उपस्थित दर्शकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया।
प्रशासन ने किया कलाकारों का सम्मान
तातापानी महोत्सव में अपने प्रदर्शन और कला से लोगों का मन मोह लेने वाले विभिन्न स्थानों से आये कलाकारों का पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल एवं जिला पंचायत सीईओ रेना जमील ने स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
आगामी दिवस में होंगे ये कार्यक्रम आयोजित
तातापानी महोत्सव के अंतिम दिवस 16 जनवरी को भोजपुरी कलाकार अक्षरा सिंह के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही भिलाई की इंडियन रोलर म्यूजिक बैंड भी कला की छटा बिखेरेंगे