नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खास तोहफे की घोषणा की। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। सरकार की तरफ से 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दिए जाने की घोषणा बजट 2025 से महज कुछ ही दिन पहले हुई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हालांकि कहा है कि, इसके कार्यान्वयन की सही तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है। कहा गया है कि साल 2026 में इसका गठन किया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं। सरकार बाद में आयोग के बाकी डिटेल्स के बारे में जानकारी देगी। इसमें शामिल होने वाले सदस्यों की भी सूचना दी जाएगी।
जनवरी 2016 में लागू हुई थीं 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
खबर के मुताबिक, पिछले आयोगों की तरह, इससे सैलरी में बदलाव होने की उम्मीद है। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में संशोधन भी शामिल है। इससे पहले 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें, जिन्हें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जनवरी 2016 में लागू किया था, की अवधि 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगी। करीब एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और बाकी बेनिफिट्स में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी है इंतजार
केंद्र के अलावा राज्य स्तरों पर भी सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के गठन के इंतजार में हैं। हाल की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने की संभावना है, जिसका कर्मचारियों के मूल वेतन पर अच्छा खासा असर देखने को मिलेगा।मान लीजिए अगर फिटमेंट फैक्टर को 2.86 पर एडजस्ट किया जाता है, तो 18,000 रुपये का मौजूदा न्यूनतम मूल वेतन संभावित रूप से 51,480 रुपये तक बढ़ सकता है। यहां बता दें, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनहोल्डर्स के संशोधित मूल वेतन और पेंशन को तय करने में फिटमेंट फैक्टर अहम भूमिका निभाता है।