नई दिल्ली: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जाए।
क्या है याचिका में मांगें?
कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा सेंटर
याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है, जिससे गैर-हिंदी भाषी लोगों को सुविधा मिले।
VIP मूवमेंट पर नियंत्रण
याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में VIP मूवमेंट सीमित किया जाए, ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए।
प्रमुख भाषाओं में जानकारी का प्रसार
याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है।
मेडिकल हेल्प डेस्क की स्थापना
याचिका में मांग की गई है कि कु़ंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में देश के दूसरे राज्यों से आने वाले गैर-हिंदी भाषी लोगों की सुविधा के लिए सभी राज्यों द्वारा कुंभ में मेडिकल हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने की मांग की गई है।
महाकुंभ का आज 18वां दिन
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ का आज 18वां दिन है। मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक आयोग से जांच करवाने का आदेश दिया है। साथ ही पुलिस इन्क्वायरी के भी आदेश दिए गए हैं। 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर अमृत स्नान होगा। इसके लिए यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी प्रयागराज का दौरा करेंगे। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। सभी वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं। 4 फरवरी तक श्रद्धालुओं को पैदल ही संगम तक जाना होगा। प्रयागराज शहर में भी चार पहिया गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। केवल बाइक, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को ही शहर में जाने की इजाजत होगी।
कल हुए हादसे में 90 लोग घायल हुए, जिनमें से 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोगों का इलाज चल रहा है। 24 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। मरने वालों में यूपी से सबसे ज्यादा 19 श्रद्धालु हैं, 4 कर्नाटक के जबकि गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत भगदड़ में हुई है। 5 शवों की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।